बीकानेर। श्री श्री 1008 महायोगी अवधूत श्री पूर्णानन्दजी महाराज की 53 वीं पुण्यतिथि पर हर वर्ष होने वाले सात दिवसीय धार्मिक आयोजन की शुरुआत रविवार को भव्य कलश यात्रा के साथ हुई। मुरली मनोहर मंदिर स्थित श्रीबालाजी मंदिर से कलश यात्रा का भव्य शुभारंभ हुआ। जहां फूलों से श्रृंगार किया हुआ भव्य रथ, उस पर अपने बछड़े को दूध पिलाती सजी धजी गोमाता की प्रतिमा ने सभी को आकर्षित किया। भक्तिमय धार्मिक मधुर स्वर लहरियों से आनंदित करता बैण्ड बाजा उनके साथ अश्व पर सवार युवा हाथ में केसरिया ध्वज लिए चल रहे थे। वहीं गौ, गुरु कथा का वाचन करने तथा व्यासपीठ पर विराजने वाली पूज्या साध्वी श्रद्धा गोपाल दीदी, कथा को सर पर धारण किए पुरुषोत्तम सारड़ा और आयोजन से जुड़े गौरीशंकर सारड़ा ,गोकुल सारड़ा सपत्नीक पैदल साथ चल रहे थे।
यात्रा में बड़ी संख्या में शामिल महिलाओं ने सर पर कलश लिए वहीं पुरुष हाथ में धर्मध्वजा लिए सफेद धवल वस्त्र धारण किए थे। कलश यात्रा का गंगाशहर मुख्य बाजार, नई लाइन, भीनासर बाजार सहित अनेक क्षेत्रों में जहां से भी गुजरी हर कहीं पर पुष्पवर्षा से भ्व्य स्वागत किया गया। यात्रा में बड़ी संख्या में शामिल महिलाओं व पुरूषों सहित बालक-बालिकाओं ने उत्साहवद्र्धन दिखाते हुए पूर्णेश्वर महादेव एवं भगवान श्री कृष्ण एवं गोमाता के जयकारों से संपूर्ण क्षेत्र को गूंजायमान कर दिया।
आयोजन से जुड़े गौरीशंकर सारड़ा ने बताया कि कलश यात्रा के साथ साप्ताहिक कार्यक्रमों की शुरुआत हो गई है। रात में सामूहिक संकीर्तन का कार्यक्रम हुआ जिसमें आसपास के क्षेत्रों सहित दिल्ली, मुम्बई, कलकत्ता, सूरत आदि से पधारे अतिथिगण शामिल हुए एवं धर्मलाभ लिया। सारड़ा ने बताया कि इसके साथ ही प्रतिदिन सुबह नित्य पूजन व रुद्राभिषेक कार्यक्रम तथा 11 कुण्डीय श्री रुद्र महायज्ञ, नित्य भक्ति संध्या व रात्रि जागरण का कार्यक्रम होगा।