बीकानेर। हमारे द्वारा पिछले लगभग 2 वर्षो से बेसहारा गौवंश के लिए गौषाला खोलने की मांग करते रहे है। गौवंष बचाने के लिए पहले भी प्रदर्शन व धरना एंव बीकानेर व्याापारीयों के सहयोग से गौवंश के संरक्षण हेतु बीकानेर बंद भी किया गया। 17 फरवरी से 20 मार्च तक कुल 35 दिनों तक जिला कलेक्टर कार्यालय के समक्ष गौवंश को बचाने के लिए धरना दिया गया।
जिस मांग को लेकर धरने पर बैठे उस मांग को जिला प्रषासन द्वारा मान लिया गया और सुजानदेसर में 70.14 हैक्टेयर लगभग 280 बीघा जमीन माननीय जिला कलेक्टर द्वारा नगर निगम को गौषाला हेतु आवंटित की गई। नगर निगम आयुक्त द्वारा इस जमीन की राशि माननीय जिला कलेक्टर कार्यालय में जमा करवा दी गई और नगर निगम आयुक्त द्वारा जिला कलेक्टर को आवंटित जमीन का सीमा ज्ञान करवाने हेतु लिखा है। मेरे द्वारा राजस्थान उच्चतम न्यायालय में जनहित याचिका लगाई हुई थी जिसमें डबल बैंच के आदेष दिनांक 26 फरवरी 2018 को न्यायालय में राज्य सरकार को निर्देष दिये है कि राज्य सरकार नगर निगम बीकानेर को गौषाला हेतु बीकानेर शहर के बाहर जमीन आवंटित करे एंव बीकानेर नगर निगम को न्यायालय ने निर्देष दिये है कि बीकानेर शहर में गाय, सांड (बैल) एंव अन्य बेसहारा पषुओं की भी बीकानेर शहर के बाहर व्यवस्था करे एंव बीकानेर शहर को साफ-सुथरा रखने के निर्देष दिये।
इसके साथ-साथ न्यायालय ने सरकार व निगम को 4 सप्ताह का समय दिया है कि सूची जारी करे। स्थानीय भाजपा नेताओं द्वारा कांग्रेस पर यह आरोप लगाया गया है कि कांग्रेस के नेता धरना लगाकर नौटंकी कर रहे है एंव भाजपा के बीकानेर प्रभारी द्वारा बीकानेर आगमन के समय यह बयान दिया कि गाय का मुद्दा तो भाजपा का है एंव गोपाल गहलोत गाय का मुद्दा उठा कर गौषाला बनाने का श्रेय लेना चाहते है। मैं आज भाजपा नेताओं से पुछना चाहता हुं कि आप ने सिर्फ वोट के लिए नारा लगाया है कि गाया हमारी माता है। भाजपा नेताओं ने गाय माता के लिए अभी तक क्या किया है वो बीकानेर की जनता को बताये।