बीकानेर । सादूल राजस्थानी रिसर्च इंस्टीट्यूट और वरिष्ठ नागरिक समिति के संयुक्त तत्वावधान में एल.पी.टैस्सितोरी की जयंती के अवसर पर राजस्थानी भासा काव्य गोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए वरिष्ठ साहित्यकार भवानीशंकर व्यास विनोद ने कहा कि शब्द ब्रह्म है, सभी विद्वानों ने शब्दों को समझने का प्रयास किया है । कविता सवाल खडे करती है, कविता का धर्म है सवाल करना । कवि आत्मा का जासूस होता है । आत्मा को महसूस करते हुए कविता को महसूस करना कवि कर्म है । डो.मुरारी शर्मा ने सादूल राजस्थानी रिसर्च इंस्टीट्यूट के बारे में बताते हुए एक लोक गीत प्रस्तुत किया ।
डॉ.एस.एन.हर्ष ने वरिष्ठ नागरिक समिति के आयोजनों के बारे में बताते हुए युवाओं को राजस्थानी भासा में लिखने हेतु प्रेरित किया । कार्यक्रम की शुरुआत में अतिथियों ने टैस्सितोरी के तैल चित्र पर पुष्पांजली की । सुरेन्द्रप्रसाद गुप्ता ने स्वागत उद्बोधन दिया । कवि-कथाकार राजेन्द्र जोशी ने विषय प्रवर्तन करते हुए तीन दिनों के कार्यक्रमों की विस्तृत च्रर्चा की । डॉ.शंकरलाल स्वामी ने मातृभाषा की वन्दना इन शब्दों में की- राजस्थानी वन्दे, गीता गूंजे खंडे-खंडे, दरद अनेकू दब्या पड्या है हिवडै में, कविता में मिठास घोळणो सोरो नीं । प्रो.नरपतसिंह सांखला ने–तैस्सितोरी ने हेलो सुणायो, डॉ.बसंती हर्ष ने-छोटे से इयै जीवण में कल्याण करो, डॉ.प्रकाश वर्मा ने- बीकाणे में जद जद पधारिया तैस्सितोरी संचालन करते हुए कवि-कथाकार राजाराम स्वर्णकार सुपणा रा दो रुप बतांवता दिन अर रात रे सुपणा रो बखाण करिया- सुपणा लेवो, बडा बडा सुपणा लेवो/ धापÓर सुपणा लेवो/ पण फेरूं/ हथाळ्यां ने मत मसळो/ सुपणा पूरा करण सारू/ कमर कस लो ।
कार्यक्रम समन्वयक राजेन्द्र जोशी ने मेन्धी अर सुपणा कविता सुणाई । डॉ.जगदीशदान बारहठ-हुई सेणप घणी/ खरचा बढिया अणूंता अबै दो टाबरÓई राखणा हुयग्या दोरा डॉ.बसंती हर्ष ने संस्कारहीन फैली सिक्षा नारी, भूलगी मरजादा वरिष्ठ कवि मदन केवलिया-तैस्सितोरी आयो हो भारत यूरोप रे बीच भासा रो पुळ बढावणे, राजस्थानी भासा ने एक ओपती भासा बणावणै चन्द्रशेखर जोशी- अकूडी माथै ठाला बैठा इतर लगांवता, पछै सूर सागर आंवता मूलचन्द बोरा- जद बच्चां री छोटी-छोटी ख्वाहिसा पर तरस आवै कमल पारीक- एक बात सदा ई याद राखोला सरदार अली पडिहार ने ली छन्द श्रंगार, हास्य और करुण रस में सुनाए । आभार वरिष्ठ नागरिक समिति के शिवनामसिंह ने ज्ञापित किया ।
म्यूजियम परिसर में डॉ.टैस्सितोरी की मूर्ति पर पुष्पांजली कल (13 गुरुवार) समन्वयक राजेन्द्र जोशी ने बताया कि म्यूजियम परिसर में डॉ.एल.पी.तैस्सितोरी की मूर्ति पर पुष्पांजली एवं व्यक्तित्व-कृतित्व पर कार्यक्रम आज दोपहर 1.15 बजे रखा गया है। 14 दिसम्बर की सुबह 10.30 बजे वरिष्ठ नागरिक समिति बीकानेर लेबोरेट्री, अम्बेडकर सर्किल पर महाराजा गंगासिंह विश्वविध्यालय के कुलपति प्रोफेसर भागीरथसिंह बिजारणिया को टैस्सितोरी अवार्ड अर्पित किया जाएगा ।(PB)