बीकानेर। ढोल नगारों की थाप और बैण्ड बाजों की धुन पर भक्तिभाव से ारी गूंजती मधुर सुर लहरियों के साथ श्री कोचर गोत्र की कुलदेवी माता विशलाजी की शोभायात्रा रविवार सुबह कोचरों के चौक से निकली जो करमीसर स्थित माता के मंदिर पहुंची। जहां भक्तिभाव के साथ माताजी का श्रृंगार कर विशेष पूजा अर्चना की गई एवं महाज्योत के बाद महाप्रसादी का वितरण भक्तजनों में किया गया।

आयोजन से जुड़े सुरेन्द्र कोचर ने बताया कि विशलाजी के जयकारों के साथ शोभायात्रा सुबह कोचरों के चौक से रवाना हुई जो ढढ्ढा चौक से भुजिया बाजार होते हुए नाहटा चौक, गोलछा मोहल्ला से मोहता चौक होते हुए नत्थुसर गेट से करमीसर पहुंची। शोभायात्रा का अनेक स्थानों पर पुष्पवर्षा से स्वागत किया गया एवं जल-पान की सेवाएं दी गई। सुरेन्द्र कोचर ने बताया कि माता के भजनों को गाते गायक कलाकारों के समूह ने सभी में उत्साह का संचार किया। शौभायात्रा में एक ओर माता का वाहन सुन्दर वस्त्रों से सजाये गये भैंसे ने सभी का ध्यानाकार्षण किया। वहीं सजे-धजे ऊंट-घोड़े और उन पर सवार कोचर समाज के किशोर एवं नवयुवकों ने धर्मध्वजा लहराई। सफेद चांदी सा चमचमाता नवनिर्मित रथ, जिसमें सवार माता की स्वर्ण समान चमकती प्रतिमा।

रथ पर लहराता लाल ध्वज। पीछे चल रहे सफेद वस्त्र पहने पुरुष वहीं लाल साडिय़ों एवं चुनरिया ओढ़ीं महिलाओं का काफिला जिस ओर से भी गुजरा माहौल भक्तिमय हो गया। महिलाएं व पुुरुष करबद्ध हाथ जोड़े शोभायात्रा को निहारते हुए माता की प्रतिमा के समक्ष नतमस्तक दिखाई दिए। करमीसर स्थित माता विशला के दरबार में प्रसाद वितरण का कार्यक्रम जसकरण महेन्द्रकुमार कोचर परिवार की ओर से किया गया।