जयपुर । देश आजाद के बाद भी लोकतंत्र में सरकार व सता मैं भागीदारी की अनदेखी, समाज के हितों को ध्यान में रखते हुए समाज के उत्थान हेतु श्रीमति सोनिया गांधी व माननीय मुख्यमंत्री के नाम कांग्रेस राष्ट्रीय सचिव व उत्तर प्रदेश प्रभारी पूर्व विधायक धीरज गुर्जर को राष्ट्रीय महासचिव कालूराम लोहार व भीलवाड़ा के मांडलगढ़ पूर्व प्रधान गोपालजी मालवीय द्वारा अपनी बात को शीर्ष नेतृृत्व के सामने पहुंचाने के लिए ज्ञापन दिया गया।
वंश परंपरागत कारीगर समाज के शुभचिंतक कालूराम लोहार के दो दिवसीय जयपुर दौरा के दरम्यान एक बैठक में कहा विश्वकर्मा वंश परंपरागत कारीगर समाज का उत्थान तभी संभव होगा आज कारीगर समाज ( लोहार, बढ़ई, ताम्रकार, कंसारा, ठठेरा, सलावट, सोमपुरा,मूर्तिकार कर्माकार,शिल्पी,प्रजापत कुम्हार,स्वर्णकार सोनी) के साथ राष्ट्रीय पार्टियों द्वारा इस देश में वंश परम्परागत कारीगर समाज के लिए कोई मंच या संगठन नहीं किया है इस वर्ग समाज के लिऐ कोई आयोग नहीं है ,कोई बोर्ड व निगम नहीं है, कोई मंत्रालय नहीं है, युवा रोजगार के लिए कोई सरकारी बैंक लोन की व्यवस्था नहीं, राज्यों सरकार में शहरी क्षेत्रों में इंडस्ट्रीज वर्कशॉप के लिए शेड नहीं, ग्राम पंचायतों में वर्कशॉप के लिए सैड की जमीन नहीं, बच्चों के शिक्षा व रोजगार के लिए सरकार द्वारा इंजीनियर कॉलेज के साथ छात्रावास कारीगर समाज के लिए कोई कार्यक्रम नहीं है।

सरकारों द्वारा सभी योजना किसानों उद्योगपतियों, व्यवसायो,पशुपालको , आदिवासियों, दलितों, अल्पसंख्यक,मछुआरो अन्य वर्गों के लिए राजनीति में प्रभावशाली अन्य जाति के विकास के लिए योजनाएं बनाई जाती है
देश मे विकास और निर्माण सृष्टि सर्जनहार विश्वकर्मा के वंशज कारीगर समाज से ही प्रारम्भ हुआ जिसका गौरवशाली इतिहास रहा है।विश्वकर्मा समाज की राजनैतिक भागीदारी शून्य है। देश की लोकसभा, विधानसभा और सरकार मे विश्वकर्मा समाज के विधायक सांसद व मंन्त्री नहीं के बराबर हैं जिसके कारण विश्वकर्मा वंश परम्परागत कारीगर समाज की बात लोकसभा और विधानसभा में नहीं उठायी जाती। सरकारे हमारी समस्याओं की तरफ ध्यान नही देती और न हमारे समाज विकास के लिये योजनाएं और कानून बनाती हैं। इसलिये आज हम विकास की दौड मे सबसे पीछे रह गये हैं हमारी हैसियत एक निर्माणकर्ता से मजदूर बनकर रह गयी।
हमारी मांग है कि सरकार विश्वकर्मा वंश परम्परागत समाज को उनकी जनसंख्या के अनुरूप लोकसभा,राज्यसभा, विधानसभा और सरकार में भागीदारी और हिस्सेदारी सुनिश्चित करे। केन्द्र व राज्य सरकार 17 सितम्बर भगवान विश्वकर्मा पूजा दिवस पर राष्ट्रीय सार्वजनिक अवकाश घोषित करे। केन्द्र सरकार कारीगरो की उन्नति के लिये विश्वकर्मा कारीगर आयोग, कारीगर मंत्रालय, विश्वकर्मा कारीगर विकास बोर्ड का गठन करे। सरकार विश्वकर्मा टेक्नोलॉजी विश्वविद्यालय, विश्वकर्मा छात्रावास का निर्माण कराये। सरकार सरकारी संस्थाओं एवं कॉरपोरेट जगत की इकाइयों में एवं भवन निर्माण कंपनियों में वंश परंपरागत कारीगर समाज का इंजीनियरिंग, टेक्नोलॉजी, मैकेनिकल, कारीगर संबंधी कुछ प्रतिशत हिस्सा आरक्षित सुनिश्चित करें । विश्वकर्मा समाज के अधिकार सम्मान और गौरव को बचाने के लिये पूरे देश वह राज्य में विश्वकर्मा समाज एकजुट होकर बडी सामाजिक ताकत और राजनैतिक ताकत बनाये और अपने अधिकार व सम्मान को पाने के लिये स्वंय आगे आकर पूरे प्रदेश में एक विश्वकर्मा समाज का फेडरेशन* बनाकर जन जागृति व चिंतन शिविर के द्वारा सामाजिक परिवर्तन लाकर सरकार के सामने अपनी मांगों को रखकर समाज को आगे बढाये। यह बात कालूरामजी ने संबोधन में की
सुरेश बैराठी कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष अखिल भारतीय विश्वकर्मा शिल्पकार महासभा राजस्थान ने पूर्व मंत्री उत्तर प्रदेश एवं राष्ट्रीय अध्यक्ष राम आसरे विश्वकर्मा को समाज का एकमात्र नेता बताते हुए प्रत्येक जिले में विश्वकर्मा छात्रावास एवं भारतीय प्रशासनिक सेवा एवं राज्य प्रशासनिक सेवा में जाने के इच्छुक विश्वकर्मा समाज के छात्रों को निशुल्क कोचिंग की व्यवस्था सरकार द्वारा की जानी चाहिए की मांग करते हुए बताया कि विश्वकर्मा समाज बहुत ही बुद्धिमान एवं तीव्र बुद्धि वाला समाज है किंतु आर्थिक दृष्टि से कमजोर होने के कारण विश्वकर्मा छात्र एवं छात्राएं बीच में ही अपनी पढ़ाई छोड़ देते हैं।

यदि विश्वकर्मा समाज के छात्र एवं छात्राओं को सरकार कोचिंग की व्यवस्था एवं छात्रावास की सुविधा प्रदान करे तो विश्वकर्मा समाज के छात्र एवं छात्राएं प्रशासन में अपनी भागीदारी सुनिश्चित कर सकते हैं।
सीताराम पांचाल प्रदेश अध्यक्ष यूथ ब्रिगेड राजस्थान अखिल भारतीय विश्वकर्मा शिल्पकार ने सरकार से मांग की कि 17 सितंबर विश्वकर्मा पूजा दिवस होने के कारण 17 सितंबर को सार्वजनिक अवकाश घोषित करें ।
बैठक में कर्मठ समाजसेवी गोपीलाल लोहार सेवानिवृत्त बैंक मैनेजर ने विश्कर्मा समाज की एक बरगद के पेड़ की तुलना करते हुए बताया कि जांगिड़, सुथार ,सुनार ,लोहार ,पांचाल, धीमान ,ठठेरा कंसेरा आदि सभी विश्कर्मा समाज की शाखाएं हैं
अगर यह शाखाएं एकजुट होकर संघर्ष करें तो राजनीति में एवं प्रशासन में भागीदारी मिलना निश्चित है।
पांचाल महासभा के अध्यक्ष महावीर प्रसाद पांचाल भांकरोटा एवं महावीर प्रसाद पांचाल जगतपुरा ने भी अपने अपने विचार व्यक्त किए ।
बैठक में मदनलाल पांचाल, दुर्गालाल पांचाल, श्रवणकुमार पांचाल, मुकेश पांचाल तथा बजरंगलाल जांगिड़ सहित कई विश्वकर्मा समाजसेवी उपस्थित रहे। बतादे यह कार्यक्रम अखिल भारतीय विश्वकर्मा शिल्पकार महासभा के प्रदेश अध्यक्ष श्री सुरेश वैराठी द्वारा आयोजन किया गया।