— निजी स्कूल यह आरोप सिद्ध करे या वापस ले
जयपुर। अभिभावक एकता आंदोलन राजस्थान द्वारा आयोजित प्रेस कान्फ्रेंस में आंदोलन के प्रदेश सयोजक मनीष विजयवर्गीय ने कहा कि हमने तो 3 मार्च को प्रोग्रेसिव स्कूल एसोसिएशन के अध्यक्ष संदीप बक्शी एवं प्रवक्ता अमित सोगानी को पत्र लिखकर संवाद से समाधान की विनम्र अपील कर मिलने का समय मांगा था दुख इस बात का है कि उसे नजरअंदाज किया गया और एसोसिएशन सदस्यों द्वारा पुलिस कमिश्नर से मिलकर पीड़ित अभिभावकों को असामाजिक तत्व बताना शर्मनाक है, यदि आरोप सही है तो अभिभावकों को सजा मिलनी चाहिए और यदि आरोप गलत है तो स्कूल एसोसिएशन माफी मांगे। यह लाखों अभिभावकों की मानहानि का मामला है, असामाजिक शब्द के प्रयोग पर प्रदेश के लाखों अभिभावकों मैं रोष है अभिभावक एकता आंदोलन इस पर अपना विरोध दर्ज कर निन्दा करता है, निजी स्कूल प्रबंधकों को याद रखना चाहिए समाज के जिम्मेदार अभिभावकों पर अपमानजनक आरोप लगाने से निजी स्कूल बन्द भी हो सकते हैं।
– जहाँ द्वार खुले वहां समाधान हुवा , जहाँ नही खुले वहां विवाद जारी
इस अवसर पर समाधान समिति के सह संयोजक दीपक पँवार ने कहा कि हम संवाद से समाधान के पक्षधर हैं स्कूल के अभिभावकों की स्कूल नहीं सुनता तो वह आंदोलन की हेल्पलाइन पर कॉल करते हैं मदद मांगे जाने पर आंदोलन का प्रतिनिधिमंडल स्कूल जाता है और प्राचार्य से मिलने का निवेदन भेजा जाता है इसी क्रम में कपिल ज्ञानपीठ माहेश्वरी पब्लिक स्कूल, अग्रसेन स्कूल में समाधान हुए एवं सोफिया स्कूल एवं सेंट जेवियर स्कूल ने हठधर्मिता के चलते द्वार नहीं खोलें और वहां पर अभिभावकों ने अपना विरोध प्रदर्शन किया। हम प्रोग्रेसिव स्कूल एसोसिएशन से जुड़े एवं अन्य सभी निजी स्कूल प्रबंधकों से अपील करते हैं कि वह स्कूल के द्वार के साथ साथ अपने मन के द्वार भी खोलें तो समाधान सुनिश्चित है।
– कौन से स्कूल सेवा केंद्र और कौन से व्यापारी इनकी सूची जारी करेंगे
आंदोलन के कोऑर्डिनेटर लवलेश खुटेटा एवं मीडिया प्रभारी शेर सिंह सिंह सिंगोद ने कहा कि सभी निजी स्कूल ऐसा कर रहे हैं ऐसा नहीं है कुछ है जिन्होंने आदर्श भी प्रस्तुत किया है आने वाले समय में स्कूलों की लिस्ट जारी करेंगे पहले उन निजी स्कूलों जिनने मानवीयता के आधार पर अभिभावकों एवं विद्यार्थियों से व्यवहार किया तथा दूसरे वह जो पूंजीपति सोच के चलते व्यापारी की तरह शोषणात्मक व्यवहार कर रहे हैं। अब बच्चों के प्रवेश से पूर्व अभिभावक तय करेंगे कि बच्चों को संस्कार एवं सेवा के केंद्र में दाखिला कारवांना है या दुकान में।
स्कूल प्रतिनिधियों ने बयान कि आप बीती
इस अवसर पर सोफिया स्कूल, सेंट जेवियर स्कूल, सीडलिंग स्कूल, एस. जे. पब्लिक स्कूल, विद्याश्रम स्कूल, ऑक्सफोर्ड स्कूल आदि के प्रतिनिधि अभिभावक दीपक शर्मा, नवल किशोर, लवलेश खूंटेटा, आशा अरोड़ा, दीप्ति तिवारी एवं कविता गुप्ता ने इन स्कूलों द्वारा डाले जा रहे दबाव की आपबीती संवाददाताओं बयान की एवं विद्यार्थियों से फीस को लेकर स्कूल द्वारा बनाए जा रहे दबाव की जानकारी दी। ऑक्सफ़ोर्ड स्कूल के अभिभावक कन्हैया लाल सैनी ने बताया कि स्कूल ने बिना फीस बकाया होने पर रिजल्ट ही नही दिया, सीडलिंग की अभिभावक दीप्ति तिवारी ने कहा कि फीस को लेकर स्टाफ घर तक आ गए यह सुप्रीम कोर्ट के अंतरिम आदेश की खुली अवमानना है।
*निजी स्कूल एसोसिएशन को आमंत्रित किया था*
आंदोलन के प्रदेश संयोजक मनीष विजयवर्गीय ने कहा कि हमने आज भी प्रोग्रेसिव स्कूल एसोसिएशन की प्रवक्ता एवं अध्यक्ष को प्रेस कॉन्फ्रेंस में आमंत्रित किया था कि वे आकर अपनी बात सिद्ध करे,संवाद शुरू करे जिससे समाधान हो सके परंतु वे नहीं आये फिर भी हमारा यही प्रयास है कि शिक्षा परिवार की गरिमा कायम हो। स्कूलों को अब अपनी हठधर्मिता छोड़ सकारात्मक दिशा में बढ़ना होगा।
*शिक्षकों की वेतन कटौती वापस हो*
विजयवर्गीय ने कहा कि कोरोना काल में शिक्षकों के वेतन में कटौती भी उचित नहीं, जिन शिक्षकों को हटाया गया है उनकी पुनः नियुक्ति दी जानी चाहिए।
– मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री से मांग
अभिभावकों ने मुख्यमंत्री एवं शिक्षा मंत्री से मांग की कि वे अभिभावकों पर एवं विद्यार्थियों पर अनैतिक दबाव डाले जाने एवं माननीय सुप्रीम कोर्ट की अवमानना करने वाले निजी स्कूलों पर तुरंत कार्रवाई करते हुए छात्रों और अभिभावकों को राहत दे।
-हमले की संभावना है, सरकार तुरंत कार्यवाही करे
संयोजक मनीष विजयवर्गीय ने कहा कि आंदोलन के चलते जो रवैया स्कूलों का हमारे प्रति है उससे इस बात का अंदेशा बना है कि अभिभावकों पर हमला भी कराया जा सकता है इसके मध्ये नज़र सरकार से एवं प्रशासन से निवेदन है कि निजी स्कूलों को पाबंद कर अभिभावकों को उचित पुलिस सुरक्षा प्रदान करें कुछ अनहोनी हुई तो निजी स्कूलों के साथ साथ सरकार का मौन भी जिमेदार होगा। उपस्थित सभी अभिभावकों ने कोरोना से उपजी शिक्षा की खामियों का उचित निराकरण करने का एकस्वर में संकल्प लिया।