

– अग्निकांड हादसे के घायल बोले- वीडियो बनाने वाले लोग ज्यादा थे, मदद कम कर रहे थे
-न्यूज़ रिपोर्टर सुरेश सोनी
बाड़मेर जिले के पचपदरा में हुए भयानक हादसे में एक 5 माह की बच्ची सहित 12 लोगों की मौत हो गई और 23 लोग घायल हो गए। भास्कर से बातचीत में घायलों ने हादसे की भयावह स्थिति बताई। एक मां ने अपनी 6 साल की बेटी को तो बचा लिया, लेकिन 5 माह की बेटी उसकी आंखों के सामने जिंदा जल गई।
घायल महिला सखी ने बताया कि मैं बुधवार की सुबह बालोतरा से जोधपुर पीहर जाने के लिए बस में बैठी थी। मेरा मन जोधपुर जाने का नहीं कर रहा था, लेकिन फिर भी बस में बैठ गई। बस सवारियों से खचाखच भरी हुई थी।
बालोतरा से बस रवाना होकर करीब 15-20 किलोमीटर भांडियावास पहुंची ही थी कि अचानक सामने से आ रहे ट्रेलर ने टक्कर मार दी। बस में अचानक आग लगने से सवारियों में भगदड़ मच गई। सवारियां एक-दूसरे पर गिर गई। कई तो भिड़ंत की वजह घायल हो गए।
घायल महिला सखी के साथ उसकी 6 साल की बेटी।
घायल महिला सखी के साथ उसकी 6 साल की बेटी।
सखी ने बताया कि इससे पहले कि लोग संभलते बस के अगले हिस्से में लगी आग फैलने लगी। तभी बाहर से कुछ लोग मदद के लिए आए और पत्थरों से बस के शीशे तोड़े, लेकिन सवारियां ज्यादा होने के कारण निकलने की जगह कम थी। आग बढ़ती जा रही थी तब मैंने खिड़की का कांच अपने पैर व अन्य सामान से तोड़ कर पहले अपनी बड़ी बेटी को बाहर खड़े लोगों को दिया। मेरे साथ 5 माह की बच्ची थी, जिसे ढूंढने लगी, मेरी आंखों के सामने ही वो आग में जिंदा जल गई।


आग को बढ़ता देखकर मैं खिड़की की ओर बढ़ी तब नीचे खड़े लोगों ने सुरक्षित बाहर निकाला। टैक्सी से मुझे और मेरी बेटी को अस्पताल पहुंचाया गया। सखी बताती हैं कि हादसे के समय न तो एंबुलेंस पहुंची थी और न प्रशासन।
अस्पताल में भर्ती घायल आंबाराम।
अस्पताल में भर्ती घायल आंबाराम।
हादसे में जिंदा बचे आंबाराम ने बताया है कि उसे बालोतरा से जोधपुर जाना था। लंबा सफर होने के कारण वह बस के स्लीपर में सो गया। कुछ ही देर बात जोर से भिड़ने की आवाज आई। मेरे सिर और पैर में चोट लग गई। मेरे सिर से खून आने लगा। स्लीपर कोच से नीचे की तरफ देखा तो बस में अफरा तफरी मची हुई थी। मैं जैसे-तैसे बस से नीचे उतरा तो देखा लोगों की मदद करने वाले कम लोग ही थे। वीडियो बनाने वालों की संख्या ज्यादा थी। कुछ लोग लोगों को बाहर निकाल रहे थे। बस पूरी भरी हुई थी, इसलिए सभी लोग निकल नहीं पाए।
बस के अगले हिस्से में आग उठ रही थी, एक ही दरवाजा था, इसलिए सभी को बचाया नहीं जा सका।
बस के अगले हिस्से में आग उठ रही थी, एक ही दरवाजा था, इसलिए सभी को बचाया नहीं जा सका।
24 घायल, 17 रेफर, 5 डिस्चार्ज
बालोतरा के राजकीय अस्पताल में 24 घायलों को भर्ती किया गया था। इसमें से 17 गंभीर घायलों को जोधपुर और अन्य जगह रेफर कर दिया गया। वहीं 5 घायलों का प्राथमिक उपचार के बाद डिस्चार्ज कर दिया गया। दो घायल आंबाराम और सखी का अस्पताल में इलाज चल रहा है।
गौरतलब है कि बुधवार की सुबह भांडियावास गांव में संस्कार स्कूल के पास हुई आमने-सामने की टक्कर के बाद बस और ट्रेलर में आग लग गई। इसमें 12 लोग जिंदा जल गए। हादसे की वजह दो ट्रेलर ओवरटेक कर रहे थे। जानकारी में सामने आया है कि बस गुजरात से आई थी। जिसमें जालौर और बीकानेर के साथ-साथ बाड़मेर जिले के बालोतरा, सिवाणा और आस-पास की सवारियां भी थीं।बस में सवार लोगों की संख्या 30 से ऊपर बताई जा रही है।
