— राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का 151वां जयंती वर्ष
लगभग दो-तिहाई आबादी को मिलेगा 5 लाख तक का निःशुल्क व कैशलेस स्वास्थ्य बीमा कवर
— आयुष्मान भारत महात्मा गांधी राजस्थान स्वास्थ्य बीमा योजना के नवीन चरण का शुभारंभ 30 जनवरी से
— मुख्यमंत्री अशोक गहलोत वीसी के जरिए जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों से होंगे रूबरू
सीएमएचओ डॉ. सुकुमार कश्यप ने बताया कि योजना में खाद्य सुरक्षा योजना के पात्र लाभार्थी और आर्थिक एवं सामाजिक आधारित जनगणना (एसईसीसी) सर्वे में चयनित लोग इस योजना में शामिल होंगे। लाभार्थी परिवार की पहचान जन आधार कार्ड के माध्यम से की जाएगी। इन्हें इंपेनल्ड निजी व सरकारी अस्पतालों में भर्ती होने पर निःशुल्क उपचार सुविधा मिलेगी। जिले में अब तक पीबीएम अस्पताल, एसडीएम सेटेलाइट अस्पताल, 17 सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों व एक निजी अस्पताल श्री कृष्णा न्यूरोस्पाइन अस्पताल एम्पैनल हुई हैं। वहीं जो भी निजी अस्पताल योजना से जुडना चाहते हैं वे ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से आवेदन करें। पात्र परिवार को योजना का लाभ लेने के लिए जन आधार कार्ड पर राशन कार्ड नंबर, परिवार के प्रत्येक सदस्य का आधार कार्ड नंबर और एसईसीसी का लाभार्थी परिवार होने पर 24 अंको का हाऊस होल्ड नंबर ईमित्रा के माध्यम से सीड करवाएं। इस बार योजना के तहत स्थानीय निवासी सहित अन्य राज्यों के लाभार्थी आमजन भी लाभान्वित हो सकेंगे। योजना के तहत 1576 प्रकार की बीमारियों के पैकेज शामिल किए गए हैं। इन पैकेज के अलावा कोविड-19 एवं डायलिसिस का ईलाज भी राज्य सरकार की ओर से देय होगा। योजना के तहत पूर्व की सभी बीमारियां कवर होंगी। परिवार के आकार व आयु की कोई सीमा बाध्य नहीं होगी। एक वर्ष तक के शिशु बिना परिवार कार्ड में नाम के भी योजना मे कवर होंगे। डीपीएम सुशील कुमार ने बताया कि आमजन जब भी अस्पताल आएं, अपना जनआधार कार्ड अवश्य साथ लेकर जाएं। अस्पताल से डिस्चार्ज के समय फीडबैक फॉर्म अवश्य भरें। अस्पताल में इलाज के दौरान सही मोबाइल नंबर दर्ज करवाएं ताकि आपको बीमा वॉलेट की जानकारी एसएमएस से मिल सके। योजना के लिए हेल्पलाइन नंबर 18001806127 रहेंगे।
– योजना अब पहले से बेहतर
आई.ई.सी. समन्वयक मालकोश आचार्य ने बताया कि योजना में पहले कुल 1401 पैकेज और प्रोसीजर थे जिन्हें नवीन चरण में बढ़ाकर अब 1576 कर दिया गया है। इनमें 466 सामान्य बीमारियों एवं 1110 गंभीर बीमारियों के पैकेज शामिल किए गए हैं। बीमा कवर पहले ₹330000 प्रति वर्ष था जिसे बढ़ाकर ₹500000 प्रति वर्ष किया गया है। पहले मरीज के भर्ती होने के बाद 10 दिनों तक की दवाइयां पैकेज में शामिल थी नए चरण में इसे बढ़ाकर 15 दिन कर दिया गया है। जल्द ही पोटेबिलिटी के माध्यम से राज्य के पात्र परिवार इस योजना से जुड़े अन्य राज्यों में भी निशुल्क इलाज ले सकेंगे।.