– गैर जिम्मेदाराना बयान पर शिक्षा मंत्री को बदलने की मांग

जयपुर।राजस्थान में कोरोना संक्रमण की गिरफ्त में अब स्कूली विद्यार्थी भी आना प्रारंभ हो गए हैं, प्रदेश सरकार द्वारा 100% क्षमता के साथ स्कूल खोले जाने के निर्णय को लागू हुए 24 घंटे भी नहीं बीते थे कि मंगलवार को जयपुर के महाराजा सवाई मानसिंह स्कूल में पढ़ने वाले दो छात्र कोरोना संक्रमित मिले हैं, जिसके बाद स्कूल प्रबंधन ने अगले 4 दिनों के लिए ऑफलाइन पढ़ाई को बंद कर दिया है।
-अभिभावक दे रहे थे चेतावनी पर कोई सुनवाई नहीं हई
हाल ही अभिभावक एकता संघ राजस्थान के प्रदेश संयोजक मनीष विजयवर्गीय ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत व शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा से स्कूल ना खोले जाने एवं ऑनलाइन कक्षाएं चालू रखी जाने की मांग करते हुए निजी स्कूलों द्वारा विद्यार्थियों एवं अभिभावकों को मानसिक प्रताड़ना दिए जाने की शिकायत की थी साथ ही विजयवर्गीय के साथ अभिभावक एकता आंदोलन के प्रदेश कोऑर्डिनेटर मनीष मालू, हरिओम सिंह चौधर, शंकर अग्रवाल व विकास अग्रवाल ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से भी मुलाकात कर प्रदेश सरकार पर निजी स्कूलों के दबाव में स्कूल खोले जाने का आरोप लगाते हुए सहयोग की मांग भी की थी।

– ऑनलाइन कक्षाएं शुरू नहीं हुई तो बुधवार को अनशन पर बैठेंगे विजयवर्गीय
आंदोलन की प्रदेश कोऑर्डिनेटर हरिओम सिंह चौधरी ने बताया कि स्कूल खोले जाने के निर्णय को यदि तुरंत वापस नहीं लिया गया और ऑनलाइन कक्षाएं बंद नहीं करने के निर्देश स्कूलों को नहीं दिए गए तो बुधवार एकता संघ के संयोजक मनीष विजयवर्गीय के नेतृत्व में हम धरने पर बैठेंगे।

– प्रदेश के शिक्षा मंत्री ओ बदलने की मांग
अभिभावक आंदोलन के प्रदेश संयोजक मनीष विजयवर्गीय ने कहा कि राज्य के शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने सोमवार को कहा कि “राज्य सरकार ने शत-प्रतिशत क्षमता के साथ स्कूल खोल दिए हैं, ऑनलाइन पढ़ाई कराना या ना कराना स्कूल व अभिभावकों का आपस का मामला है” शिक्षा परिवार के मुखिया का ऐसा बयान संवेदनशील मामले से पल्ला झाड़ने वाला व गैर जिम्मेदाराना है, विजयवर्गीय ने कहा कि डोटासरा जी के रहते अभिभावकों को कोई राहत नहीं मिली है और वे माननीय सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी फीस एक्ट 2016 को लागू करवाने में नाकाम रहना यह सिद्ध करता है कि वह निजी स्कूलों के प्रतिनिधि संगठन के प्रभाव मैं दबाव में कार्य कर रहे हैं प्रदेश के अभिभावकों को ऐसे गैर जिम्मेदाराना मंत्री से उम्मीद करना बेमानी होगी अतः हम मुख्यमंत्री जी से मांग करते हैं कि शिक्षा मंत्री तुरंत बदला जाए साथ ही फीस एक्ट 2016 लागू करते हुए अभिभावकों को राहत दी जाए बन्ना सरकार को भी आगामी समय में इसके विपरीत परिणाम भुगतने होंगे।

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