जयपुर,(दिनेश”अधिकारी”)। प्रदेश में पिछले साल सचिन पायलट गुट की बगावत के बाद गहलोत सरकार गिराने के षडयंत्र के आरोपों और फोन टैपिंग मामले में नया मोड़ आ गया है। केंद्रीय मंत्री जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के विधायक खरीद फरोख्त की बातचीत के वायरल ऑडियो की आवाज को मिलाने के लिए एसीबी को उनके वॉइस सैम्पल लेने की कोर्ट से मंजूरी मिल गई है। चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट जयपुर सैकंड ने गजेंद्र सिंह शेखावत और संजय जैन की वॉइस सैंपल लेने की एसीबी को अनुमति दे दी है। एसीबी ने कोर्ट में पिछले साल ऑडियो की जांच के लिए गजेंद्र सिंह और संजय जैन के वॉयस सैंपल लेने की जरूरत बताई थी। पिछले साल जुलाई में तीन ऑडियो क्लिप वायरल हुई थीं, जिसमें विधायकों की खरीद फरोख्त का दावा करते हुए सरकारी मुख्य सचेतक डॉ.महेश जोशी ने एसओजी में केस दर्ज करवाए थे। एफआईआर में दावा किया गया था कि वायरल ऑडिया में गजेंद्र सिंह और कांग्रेस विधायक भंवरलाल शर्मा के बीच बातचीत है, जिसमें वे विधायकों खरीद फरोख्त की बातें कर रहे थे।

सरकारी मुख्य सचेतक डॉ. महेश जोशी की एफआईआर के आधार पर संजय जैन, कॉन्ग्रेस विधायक भंवरलाल शर्मा और गजेंद्र सिंह के खिलाफ मामला दर्ज किया था। संजय जैन और कुछ अन्य लोगों को गिरफ्तार किया गया था। उस वक्त बाड़ेबंदी के दौरान एसीबी और एसओजी की टीम गजेंद्र सिंह और भंवरलाल शर्मा के बयान और सैंपल लेने मानेसर और दिल्ली गई थी। बाद में एसओजी ने मामले में एफआार लगा दी, लेकिन एसीबी में जांच जारी है।कांग्रेस नेता शेखावत पर वॉयस सैम्पल नहीं देने को लेकर लगातार निशाना साधते रहे हैं। पिछले दिनों गजेंद्र सिंह शेखावत कह चुके हैं कि वे मांगे जाने पर वॉयस सैम्पल देने को तैयार हैं। अब कोर्ट की मंजूरी मिलने के बाद एसीबी फिर से गजेंद्र सिंह शेखावत के पास वॉयस सैम्पल लेने जाएगी। केंद्रीय जल शक्ति मंत्री शेखावत ने वायरल ऑडियो को आधार बनाकर राजस्थान सरकार पर फोन टैपिंग का आरोप लगाते हुए दिल्ली पुलिस में मामला दर्ज करवाया थ। शेखावत की एफआईआर पर दिल्ली क्राइम ब्रांच मामले की जांच कर रही है। इस मामले में मुख्यमंत्री के ओएसडी लोकेश शर्मा सहित पुलिस अफसरों को आरोपी बनाया गया है। पिछले दिनों सरकारी मुख्य सचेतक डॉ.महेश जोशी को क्राइम ब्रांच ने नोटिस देकर पूछताछ के लिए बुलाया था लेकिन जोशी पेश नहीं हुए।