नई दिल्ली। दिल्ली राज्य के द्वारका में एक 56 वर्षीय आईआरएस अधिकारी ने कथित तौर पर आत्महत्या कर ली. आईआरएस अधिकारी की लाश कार में मिली. अधिकारी को दीन दयाल उपाध्याय अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने मृत करार दिया. आईआरएस अधिकारी का नाम शिवराज सिंह है.

अधिकारी ने एसिड पीकर आत्महत्या कर ली. पुलिस के मुताबिक एक सुसाइड नोट बरामद हुआ है. सुसाइड नोट में लिखा है कि अधिकारी को शक था कि उसे कोरोना है और उसने कोरोनो से अपने पूरे परिवार को संक्रमित कर दिया है, इसलिए वह आत्महत्या कर रहा है।
शिवराज सिंह डी.ओ.एम.एस आर.के पुरम में एडिशनल सी.आई.टी के पद पर तैनात थे. द्वारका के समती कुंज अपार्टमेंट में रहते थे. 2006 बैच के थे. सूत्रों के मुताबिक, एक सुसाइड नोट भी मिला है जिसमें कोरोना के शक के चलते सुसाइड की बात कही गई है।
पुलिस के मुताबिक रविवार को दोपहर में द्वारका के एक अस्पताल से जानकारी मिली कि एक शख्स ने सुसाइड कर लिया है और अस्पताल में उसका शव रखा हुआ है। पुलिस अस्पताल पहुंची तो पता चला कि मृतक 56 साल के शिवराज थे तो आयकर विभाग में एडीशनल कमिश्नर थे और फिलहाल उनकी पोस्टिंग आरके पुरम इलाके में आयकर विभाग के दफ्तर में थी।

जांच में पता चला कि वे द्वारका सेक्टर 6 इलाके में अपनी कार के अंदर बेहोशी की हालत में पाए गए, फिर उन्हें अस्पताल लाया गया जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया. कार से एक सुसाइड नोट बरामद हुआ. उसमें उन्होंने खुद को कोरोना होने का जिक्र किया है. सुसाइड नोट में ये भी लिखा है कि उन्हें लगता है कि उनकी वजह से उनके परिवार को कोरोना का संक्रमण हो गया है. पुलिस का कहना है कि एक हफ्ते पहले शिवराज ने अपना कोविड का टेस्ट भी कराया था जो निगेटिव आया था. इसके बाद क्या उन्होंने कोई कोविड टेस्ट कराया था या उनके परिवार में कोई कोरोना पॉजिटिव है? इसकी जांच चल रहीकोरोना महामारी के बढ़ते प्रकोप के चलते लोगों में खौफ भी बढ़ता जा रहा है। कल मशहूर अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत ने आत्महत्या की थी तो इसके कुछ घंटे बाद ही दिल्ली में एक आईआरएस ऑफिसर ने खुदकुशी कर ली। दिल्ली में आईआरएस ऑफिसरों की यह आत्महत्या करने की दूसरी घटना है।

बतादे 27 मई को जब पहले आईआरएस ऑफिसर ने आत्महत्या की तो उसका आज तक पता नहीं चल पाया कि किन वजह से वह इस दुनिया को अलविदा कर गए। जबकि कल आत्महत्या करने वाले आईआरएस ऑफिसर की वजह कोरोना से भयभीत होना बताया जा रहा है। कहा जा रहा है कि आईआरएस ऑफिसर को अपने कोरोना संक्रमित होने का डर सता रहा था। बावजूद इसके कि एक सप्ताह पहले उनकी कोरोना रिपोर्ट नेगेटिव आई थी। फिर भी उन्हें यह शक था कि कहीं कोरोना उनके जरिए उनके परिवार के लोगों को चपेट में ना ले ले।