पिछले कुछ समय से हमारा देश ही नही अपितु सम्पूर्ण विश्व कोरोना नामक महामारी से पीड़ित हैं जिसके सम्पूर्ण नाश के लिए सभी को अपना योगदान देना होगा।ये बाते बीकानेर के एमएस कॉलेज की बॉस्केटबॉल प्लेयर निशा लिम्बा का कहना हैं।उन्होंने कहा कि हम जानते हैं कि कोरोना वायरस से पीड़ित व्यक्ति में इसके लगभग 14 दिन के बाद दिखाई देते हैं।लगभग 22 मार्च से पूर्णतया लॉकडाउन हैं जिसमें हर व्यक्ति अपने यथासंभव जगह पर ही बैठा हैं।हमें हर उस व्यक्ति की स्किनिंग आगामी 6 अप्रैल से करवानी चाहिए जो विदेश से आया हो या जिसमें कोरोना के लक्षण दिखाई दे,परन्तु व्यक्ति स्वंय इस चीज की जानकारी नही देना क्योकि वह आइसोलेशन से भयभीत होता हैं।उन्होंने कहा कि इसके लिए हमें हमारी पुरानी कहावत “घर का भेदी लंका ढहाए”के भावार्थ पर का करना चाहिए या दूसरी बात कहे तो -“कोरोना का दुश्मन पड़ोसी”इसका अर्थ हम सब जानते हैं कि हमारे घर के चारों तरफ दायां-बांया आगे -पीछे पड़ोसी रहते हैं जो हमारे घर के बारे में जानते हैं-चाहे वो कही का भी हो आगे का ,पीछे का ,दांया-बांया का इन चारों घर में किसी न किसी को सूचना रहती हैं इस घर में क्या चल रहा हैं?कौन आया हैं ?कौन गया हैं ?इसलिए हमें भी पूरे देश के पड़ोसीयों को साथ लेकर चलना हैं, इसी साथ से कोरोना को भगा सकते हैं।उन्होंने कहा कि हमें यह कार्य बीएलओ या पार्षद या उस किसी भी कर्मचारी से करवा सकते हैं जो उस क्षेत्र में निरंतर कार्य करता हैं।यह कार्य तभी सफल हो सकता हैं जब व्यक्ति किसी व्यक्ति से अपनापन न दिखाकर देश के प्रति ईमानदारी रहे।इस कार्य को सफल बनाने के लिए पूरे देश के बड़े व्यक्ति से छोटे व्यक्ति तक कार्य करें।यह कार्य अगर देश से राज्य ,राज्य से जिलों,जिलों से गांवों ,कस्बो,मोहल्ले व वार्डो में विभाजित हो जिसमें जिले के अपने कार्यकर्ताओं के साथ एवं बीएलओ अपनी टीम और अधिकारीगण मोहल्ले में जाकर अपनी लिस्ट बनाए परिवार के बारे में परिवार से पूछकर व आसपास वाले पड़ोसी से भी पूछा जाए क्योंकि हर घर की सूचना किसी एक को जरूर पता रहती हैं।उन्होंने कहा कि पड़ोसी हमेशा साथी होते हैं तो आज वो साथ दिखाने का समय आ गया हैं।