– उत्तर पश्चिम रेलवे में बीकानेर रेल मंडल में ज्यादा प्रभावित होती हैं ट्रैन
बीकानेर,24 दिसम्बर। उत्तर भारत में सर्दियों के मौसम में कोहरे की अधिकता के कारण मुख्यतः रेल यातायात भी प्रभावित होता है। उत्तर पश्चिम रेलवे के जयपुर एवं बीकानेर मण्डल के रेलखण्ड कोहरे की अधिकता से प्रभावित रहते है। उपरोक्त खण्डो में रेल सेवाओं के सुरक्षित संचालन के लिये रेलवे ने विशेष अतिरिक्त प्रबन्ध किये है।
उत्तर पश्चिम रेलवे के मुख्य जन सम्पर्क अधिकारी ने बताया कि सर्दियों के मौसम में कोहरे की अधिकता के दौरान गाडी संचालन में संरक्षा एवं सुरक्षा को देखते उत्तर पश्चिम रेलवे द्वारा विशेष प्रंबध किये गये है। रेलवे द्वारा सघन कोहरे वाले रेलखण्डों में चलने वाली समस्त रेलसेवाओं के लोको पायलेट दल को फोग सेफ्टी डिवाईस उपलब्ध करवाये जा रहे हैए यह डिवाईस ओन होने के बाद जीपीएस प्रणाली द्वारा उस खण्ड में स्थित सभी सिंगनलों की स्थिति के बारे में लोको पायलेट को पूर्व में ही अवगत कराता रहता है। जिससे लोको पायलेट अपनी गाडी की स्पीड की नियंत्रित कर संरक्षा सुनिश्चित करता है।
कोहरे वाले रेलखण्ड के स्टेशनों, समपार फाटकों एवं पूर्व चिन्हित जगहों पर डेटोनेटर की आपूर्ति सुनिश्चित की जा रही है। डेटोनेटर एक प्रकार का धातु का बना पटाखा होता है, जिसे रेल पथ पर बांधा जाता है, जो रेल इंजन के दबाव से फटकर तेज आवाज करता है। लोको पायलेट को सिंगनल एवं अन्य संकेतको की दृश्यता ठीक प्रकार से दिखे इसके लिए संकेतको पर पुनः पेटिंग एवं चमकीले साईन बोर्ड तथा संकेतको के पास गिट्टियों को चुने से रंगा गया है। इसके अतिरिक्त ऐसे खण्ड में पेट्रोलिंग की आवृति को बढाकर रेलपथ की निगरानी को बढाया गया है साथ ही पेट्रोलिंग करने वाले कार्मिक को रेडियम युक्त चमकीले वस्त्रा दिये गये है, जिससे उनकी वैयक्तिक सुरक्षा एवं संरक्षा भी हो पाती है।
कोहरे के मौसम में संरक्षा को सुदृढ करने के लिए रेलकर्मियों के विशेष प्रशिक्षण की व्यवस्था, निरीक्षकों व अधिकारियों द्वारा रेलवे स्टाॅफ की सजगता को लगातार चैक किया जा रहा है। कोहरे के मौसम में रेलयात्रियों की संरक्षा एवं सुरक्षा हेतु कटिबद्ध है। कोहरे की अधिकता वाले रेलखण्डों में गाडियाॅ देरी से संचालित हो सकती है, यात्रा शुरू करने से पूर्व रेलवे की अधिकृत वेबसाईट www.indianrail.gov.in पर अपनी रेलगाडी की वर्तमान स्थिति देखकर ही जाये एवं असुविधा से बचें।