गहलोत के हमलावर रुख से मिले संकेत

जयपुर।राजस्थान कांग्रेस में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के बीच एक बार फिर से खींचतान बढ़ने के संकेत मिलने लगे हैं। दोनों खेमों में 15 दिन से तल्खी बढ़ती हुई दिख रही है। सीएम अशोक गहलोत इस बार लगातार हमलावर रुख अपनाए हुए हैं। करीब 20 दिनों में अलग-अलग मौकों पर CM के बयानों पर गौर करें तो पायलट कैंप के प्रति नाराजगी साफ झलकती है। इधर, सचिन पायलट ने भी लंबे समय से सीएम गहलोत के साथ मंच साझा नहीं किया।

उदयपुर में कांग्रेस के चिंतन कैंप से पहले राजस्थान में ऊपरी तौर पर भले सब कुछ ठीक दिख रहा हो, लेकिन राजनीतिक जानकार इसे कुछ समय की शांति मान रहे हैं। आगे भी कई मुद्दों पर गहलोत-पायलट खेमों के बीच तल्खी बढ़ने के आसार बन रहे हैं। अशोक गहलोत और सचिन पायलट हाल ही सोनिया गांधी से मिल चुके हैं। हाईकमान से मुलाकातों के बावजूद गहलोत-पायलट के बीच तल्खी कम नहीं हुई है। दोनों नेताओं के समर्थक हर दिन सोशल मीडिया पर भिड़ रहे हैं।

गहलोत खुद हमलावर, पायलट कैंप की तरफ से समर्थक अटैकिंग मोड पर

सचिन पायलट ने गुरुवार को सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद रणनीति और चेहरा बदलने के सवाल पर कहा था कि उसी पर चर्चा हो रही है। सोनिया गांधी फैसला करेंगी। पायलट के इस बयान को राजस्थान में सीएम बदलाव करने से जोड़कर देखा गया।

गहलोत ने राजस्व सेवा परिषद के कार्यक्रम में रविवार को ही इसका खंडन करते हुए कहा कि अफवाहों में नहीं आएं। मेरा इस्तीफा परमानेंट सोनिया गांधी के पास पड़ा है, मुख्यमंत्री बदलने की चर्चा नहीं होनी चाहिए। इन दोनों बयानों से साफ हो गया कि दोनों खेमों के बीच सब कुछ सामान्य नहीं है। पायलट समर्थक सीएम पर हमलावर हैं तो गहलोत समर्थक पायलट पर। पायलट समर्थक अटैकिंग मोड में ही जवाब देते हैं।

सरकार- संगठन के मुद्दों को लेकर दोनों खेमों के बीच तल्खी बढ़ी
राजस्थान में चुनाव में डेढ़ साल से कम का समय बचा हुआ है। गहलोत पुरानी पेंशन स्कीम लागू करने और बजट के दम पर सरकार रिपीट करने का दावा कर रहे हैं। सचिन पायलट ने सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद कहा था कि हमें सरकार बदलने की परिपाटी तोड़नी है। इसके लिए राजस्थान में बहुत मेहनत करनी होगी। पायलट गहलोत की स्टाइल से सहमत नहीं है।

कांग्रेस में खींचतान की वजह से अब तक जिला और ब्लॉक स्तर पर संगठन पदाधिकारी ही नहीं बन सके हैं। पायलट सरकार और संगठन में बाकी पड़ी नियुक्तियों को जल्द करने की पैरवी कर रहे हैं। सरकार-संगठन में गहलोत समर्थकों को ज्यादा महत्व मिलने से भी पायलट नाराज बताए जा रहे हैं।

गहलोत के हमलावर रुख को लेकर सियासी चर्चाएं

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सचिन पायलट कैंप को लेकर जिस तरह बयानों में अटैक कर रहे हैं, इसे सियासी संकेत के तौर पर देखा जा रहा है। गहलोत का पायलट खेमे की बगावत का बार बार जिक्र करना भी आगे के बदलावों की आहट के तौर पर देखा जा रहा है। राजनीतिक जानकार गहलोत की टिप्पणियों को संभावित बदलावों को रोकने की रणनी​ति के तौर पर ही देख रहे हैं।