जयपुर।कोविड-19 महामारी से उपजी विकट स्थितियों के बावजूद कर्मचारियों के हित में
साथ ही, कुछ कर्मचारी साथियों की ओर से वेतन कटौती समाप्त करने की मांग को दृष्टिगत रखते हुए कोविड-19 के बेहतर प्रबंधन के लिए हर माह की जा रही वेतन कटौती को भी आगे से स्वैच्छिक किए जाने का महत्वपूर्ण फैसला किया है।
निर्णय के अनुसार कर्मचारियों को बोनस का 25 प्रतिशत हिस्सा नकद देय होगा तथा 75 प्रतिशत राशि कर्मचारी के सामान्य प्रावधायी निधि खाते (जीपीएफ) में जमा करवाई जाएगी। इसी प्रकार, एक जनवरी 2004 एवं इसके बाद नियुक्त कर्मचारियों को देय तदर्थ बोनस राज्य सरकार द्वारा एक पृथक योजना तैयार कर उसमें जमा कराया जाएगा। उल्लेखनीय है कि राज्य के करीब 7.30 लाख से अधिक कर्मचारियों को तदर्थ बोनस दिए जाने से राजकोष पर करीब 500 करोड़ रूपये का वित्तीय भार आना संभावित है।
राज्य सरकार ने कोरोना को देखते हुए स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार एवं इस महामारी में जरूरतमंद लोगों की सहायता करते हुए कोविड-19 का उत्कृष्ट प्रबंधन किया है। जिसकी राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर भी सराहना हुई है। संकट के इस समय में जीवन और जीविका बचाना ही हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। हमारा प्रयास है कि जैसा उत्कृष्ट प्रबंधन अब तक किया गया, वैसा ही आगे भी बना रहे। वित्तीय संसाधनों के कारण यह विपरीत रूप से प्रभावित नहीं हो, इसके लिए प्रदेश को भारत सरकार से जीएसटी क्षतिपूर्ति की पूर्ण राशि नहीं मिलने के बावजूद राज्य सरकार वर्तमान में 5500 करोड़ रूपये का अतिरिक्त कर्ज ले रही है।
साथ ही, करीब 80 लाख पेंशनरों को सामाजिक सुरक्षा पेंशन के तहत तीन माह की करीब 1950 करोड़ रूपये की पेंशन का अग्रिम भुगतान मात्र 35 दिन में ही किया गया, ताकि इस विकट कोरोनाकाल में उनकी वित्तीय तरलता बनी रहे। विषम आर्थिक चुनौतियों के बावजूद राज्य सरकार इस महामारी से मुकाबले एवं जरूरतमंदों की सहायता के लिए संसाधनों में किसी तरह की कमी नहीं रखेगी।