

रिपोर्ट – अनमोल कुमार
-अन्य धर्म के जुलूसों पर हमले होते तो राहुल व बीमार लालू राजनीतिक पर्यटन के लिए सड़कों पर उतर जाते
-रामनवमी व हनुमान जयंती जुलूस के दौरान हिंसा पर बोले केंद्रीय मंत्रीपटना : राजधानी दिल्ली समेत देश के कई राज्यों में रामनवमी और हनुमान जयंती के दौरान धार्मिक जुलूस के दौरान हुए हिंसा की घटनाओं पर केंद्रीय मंत्री व भाजपा के फायर ब्रांड नेता गिरिराज सिंह ने कहा है कि यह देश में गंगा जमुनी तहजीब के दावे के विपरीत है। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या अब रामनवमी का जुलूस पाकिस्तान, बांग्ला देश या अफगानिस्तान में निकाला जाएगा? सोमवार को कटिहार में गिरिराज सिंह ने कहा कि आजादी के बाद देश में बड़ी संख्या में मस्जिद बनाई गई और मुसलमानों की आबादी में कई गुना वृद्धि हुई। लेकिन कहीं से भी इस पर कोई विरोध दर्ज नहीं कराया गया। लेकिन, इस दौरान पाकिस्तान में बड़ी तादाद में मंदिरों को तोड़ दिया गया और वहां की हिंदू आबादी अब विलुप्त होने के कगार पर है। इस पर कोई नहीं बोलता। उन्होंने कहा कि अब धैर्य जवाब दे रहा है। पत्रकारों से बातचीत में केंद्रीय मंत्री सिंह एआईएमआईएम के नेता असदुद्दीन ओवैसी के बयान पर भड़क उठे। उन्होंने ओवैसी और 'जिन्ना के डीएनए वाले' धर्मनिरपेक्ष राजनेताओं पर की टिप्पणी कि हिंदुओं को धार्मिक जुलूस निकालते समय सांप्रदायिकता भड़कने से बचने के लिए मुस्लिम बहुल इलाकों में जाने से बचना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर किसी अन्य धर्म के जुलूसों पर हमले होते तो राहुल गांधी और बीमार राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद अपने राजनीतिक पर्यटन के लिए सड़कों पर उतर जाते। बगूसराय से सांसद गिरिराज सिंह ने कर्नाटक के हुबली में पुलिस अधिकारियों पर हमले व दिल्ली की जहांगीरपुरी में सांप्रदायिक हिंसा पर कड़ी नाराजगी प्रकट की।
गोरखपुर की घटना से स्तब्ध हूं
भाजपा नेता ने कहा कि वह गोरखपुर में हुई घटना से स्तब्ध हैं, जहां एक आईआईटी ग्रेजुएट ने यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाले धार्मिक संस्थान गोरखधाम पीठ में घुसने का प्रयास किया और गिरफ्तार होने से पहले सुरक्षा कर्मियों पर हमला कर दिया था। युवक पर यूएपीए कानून के तहत केस दर्ज किया गया है।
मुहर्रम जुलूसों में भाग न लें हिंदू
उन्होंने कहा कि देश का बंटवारा 1947 में हुआ था। हमें हिंदू बहुल या मुस्लिम बहुल इलाकों की बात करके दोबारा वही गलती नहीं करनी चाहिए। हिंदुओं को मुहर्रम के ताजिया जुलूसों में हिस्सा नहीं लेना चाहिए।