बीकानेर। गुरु नारियल की भांति होता है, अंदर से नरम और ऊपर से कठोर होता है। गुरु की यह कठोरता ही शिष्य को समृद्ध और मजबूत बनाती है। उक्त प्रवचन गुरु पूर्णिमा पर रामझरोखा कैलाश धाम के महंत श्रीसरजूदासजी महाराज ने व्यक्त किए। गुरु पूर्णिमा पर महामंडलेश्वर सरजूदासजी महाराज ने परम पूज्य महंत श्री रामदासजी महाराज की पूजा अर्चना की। इस दौरान धाम में पहुंचे श्रद्धालुओं ने सरजूदासजी महाराज की पूजा-अर्चना कर उनसे आशीर्वचन सुने। धाम में दिनभर संकीर्तन व गुरुवाणी का आयोजन रहा। इस दौरान सूरतगढ़ से रेवंत राजपुरोहित, पवन, दीपू, भागीरथ राजपुरोहित, नगर विकास न्यास के पूर्व चेयरमैन महावीर रांका, जीतू, रमेश भाटी, चंदू भाटी, मनु कच्छावा, मोहन, नेमीचंद, गणेश एडवोकेट, महावीर एडवोकेट, ओम प्रकाश भाटी, राजू छींपा, उत्तमचंद भाटी, मनीष भाटी, हनुमान प्रसाद आदि ने गुरु वंदना की।