श्री पाश्र्वनाथ भगवान का किया शक्रस्तव अभिषेक, शांति कलश स्थापित कर विश्व कल्याण की कामना की
बीकानेर। पूरे विश्व में शांति हो, महामारी व व्याधियों से मुक्ति मिले एवं सर्वजन कल्याण हो इसी भावना के साथ रविवार सुबह भीनासर स्थित जैन मंदिर में जैन धर्म के 23वें तीर्थंकर श्री पाश्र्वनाथ का शक्रस्तव अभिषेक व पूजन किया गया। श्री जैन श्वेताम्बर तपागच्छ श्रीसंघ व कोचर फ्रेंड्स क्लब के तत्वावधान में व साध्वी सौम्यप्रभाश्रीजी की निश्रा में भगवान श्री पाश्र्वनाथ का शक्रस्तव अभिषेक किया गया। इस अभिषेक की विशेषता है कि शरीर की व्याधि का नाश होता है तथा विश्व में शांति बनी रहे ऐसी प्रार्थना की गई। श्रीसंघ के जीतू कोचर ने बताया कि शांति कलश की स्थापना की गई। इस दौरान शांति पाठ व आरती करके विश्व कल्याण की कामना की गई। कार्यक्रम में कोचर मंदिरात ट्रस्टी किशोर कोचर, राहुल दफ्तरी परिवार, विजयचंद बांठिया, जयंतीलाल कोचर, पारस कोचर, नरेन्द्र कोचर, अंकित कोचर सहित सैकड़ों श्रावक-श्राविकाओं की सहभागिता रही। कार्यक्रम के दौरान पूरा मंदिर फूलों से तथा श्रद्धालुओं की भक्ति से सराबोर नजर आया।
6 जुलाई को होगा चातुर्मासिक प्रवेश
जैन महासभा के सचिव सुरेन्द्र बद्धानी ने बताया कि केकड़ी से विहार करते हुए साध्वी सौम्यप्रभाश्रीजी, साध्वी सौम्यदर्शनाश्रीजी (बीकानेर कोचरों की बेटी), साध्वी अक्षयदर्शनाश्रीजी व साध्वी परमदर्शनाश्रीजी का भीनासर में शनिवार को पदार्पण हुआ। शनिवार को भक्ति संध्या का आयोजन किया गया जिसमें मगन कोचर, विनोद सेठिया, भूपेन्द्र बैद एवं कोचर मंडल के सदस्यों ने भजनों की प्रस्तुति दी। सुरेन्द्र बद्धानी ने बताया कि 29 जून को भीनासर से गोगागेट स्थित कोचरों की दादाबाड़ी में चारों साध्वीश्रीजी का प्रवास रहेगा। 6 जुलाई को सुबह गोगागेट स्थित गौड़ी पाश्र्वनाथ मंदिर से चारों साध्वीश्रीजी का चातुर्मासिक नगर प्रवेश होगा। पूरे चार माह तक निरन्तर जप-तप व प्रवचन की शृंखला बीकानेर में चलेगी।