राहुल गांधी, प्रशांत किशोर और वसुंधरा के निजी सचिव प्रदीप अवस्थी का नंबर भी लिस्ट में शामिल

– पूर्व सीजेआई रंजन गोगोई पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाने वाली महिला का नाम भी लिस्ट में

नई दिल्ली।पेगासस स्पाइवेयर की जासूसी लिस्ट में शामिल नामों का सिलसिला लंबा होता जा रहा है। एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि इस लिस्ट में राहुल गांधी, प्रशांत किशोर समेत दो केंद्रीय मंत्रियों के नाम भी शामिल हैं। बताया गया है कि इस लिस्ट में राहुल गांधी द्वारा इस्तेमाल होने वाले दो फोन नंबर्स हैं। दावा है कि पेगासस नाम के जासूसी सॉफ्टवेयर को इजरायल की संस्था एनएसओ ग्रुप ने डेवलप किया है। इसके बाद उसने इसे एक आधिकारिक भारतीय ग्राहक को बेच दिया था।*

अशोक लवासा: मोदी और अमित शाह को आचार संहिता उल्लंघन का दोषी मानने वाले अकेले चुनाव आयुक्त थे।
2019 लोकसभा चुनाव में तीन चुनाव आयुक्तों में सिर्फ लवासा ने पीएम नरेंद्र मोदी व अमित शाह को आचार संहिता तोड़ने का दोषी माना था
कब से कब तक जासूसी: चुनाव आयोग की इस बैठक के कुछ ही हफ्ते बाद सूची में नाम आया

इसके मायने: सितंबर 2019 से दिसंबर 2019 के बीच उनकी पत्नी बेटे और बहन सरकारी जांच एजेंसी की जद में आ गए, कुछ महीनों में लवासा ने चुनाव आयोग छोड़ एडीबी ज्वाइन कर लिया जबकि वह मुख्य चुनाव आयुक्त बनते

महिला कर्मचारी:जिसने पूर्व सीजेआई रंजन गोगोई पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए थे उससे जुड़े 11 नंबर रडार परसुप्रीम कोर्ट में न्यायिक कर्मी महिला ने अप्रैल 2019 में तत्कालीन सीजेआई रंजन गोगोई पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए थे जिस से जुड़े 11 नंबर सूची में हैं।
कब से कब तक जासूसी: आरोपों के कुछ दिन बाद से ही नंबर सूची में

इसके मायने :महिला ने बंद कमरे में सुप्रीम कोर्ट की कमेटी को बयान दिए अपने वकील से और घरवालों से इसके बारे में बात की, यह बातचीत जासूसी की जद में थी इस जानकारी के जरिए महिला ही नहीं सीजेआई को भी प्रभावित किया जा सकता था

– कई दिग्गजों के नाम हैं शामिल

रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि पेगासस की लिस्ट में राहुल गांधी के पांच दोस्तों और परिचितों के फोन नंबर भी शामिल हैं। हालांकि इन पांचों लोगों की राजनीति या जनता से जुड़े मामलों में कोई भूमिका नहीं है। इस बीच रिपोर्ट सामने आने के बाद भारतीय युवा कांग्रेस के अध्यक्ष श्रीनिवास ने कहा है कि राहुल गांधी को 2019 लोकसभा चुनाव के समय से ही पेगासस टारगेट पर लिया गया है। इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक कुछ अन्य नामों में राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर और लोकसभा सांसद अभिषेक बनर्जी का नाम भी लिस्ट में है। गौरतलब है कि तृणमूल कांग्रेस की हालिया पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में जीत में प्रशांत किशोर और अभिषेक बनर्जी की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। अभिषेक बनर्जी पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे हैं। इनके भी कुछ नजदीकियों के फोन पेगासस की लिस्ट में शामिल थे। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि एमनेस्टी इंटरनेशनल द्वारा डिजिटल फोरेंसिक एनालिसिस में तकनीकी सुरक्षा से जुड़ी यह खामी सामने आई है। हालांकि इसी रिपोर्ट में कहा गया है कि अभी इस बात की पुष्टि नहीं हो पाई है कि इनके मोबाइल फोन से हकीकत में छेड़खानी की गई है या नहीं। इस बात की पुष्टि तब होगी, जब इन सभी के मोबाइल की फोरेंसिक जांच कराई जाएगी।

– दो केंद्रीय मंत्रियों के नाम भी

इन सबके अलावा दो केंद्रीय मंत्रियों के फोन भी टारगेट पर लिए गए थे। यह दोनों मंत्री हैं, अश्विनी वैष्णव और प्रहलाद पटेल। अश्विनी वैष्णव को हाल ही में केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है। उन्हें संचार, सूचना प्रौद्योगिकी, इलेक्ट्रॉनिक्स और रेलवे जैसे महत्वपूर्ण मंत्रालय दिए गए हैं। वहीं प्रहलाद पटेल राज्य जलशक्ति मंत्री थे। दावों के मुताबिक इस लिस्ट में, वरिष्ठ भाजपा नेता वसुंधरा राजे सिंधिया सीएम रहने के दौरान उनके निजी सचिव और भाजपा सरकार के पहले कार्यकाल में मंत्री रहने के दौरान स्मृति ईरानी के ओएसडी रहे संजय कचरू का नाम भी शामिल है। पूर्व चुनाव आयुक्त अशोक लावासा जो नंबर 2019 में इस्तेमाल करते थे, वह भी इस लिस्ट में पाया गया है। वहीं रिपोर्टों में यह भी दावा किया गया है कि विश्व हिंदू परिषद के नेता प्रवीण तोगड़िया का नंबर भी जासूसी के लिए लिस्ट में शामिल है। दावा है कि कुल 300 भारतीय नंबरों की पेगासस के जरिए जासूसी की जा रही थी।