इस विषय पर बहुत कम लोगों ने चिंतन किया। जबकि यह अत्यावश्यक विषय है, हमारी जिंदगी को क्या चाहिए उसके लिए पहले यह जानना जरूरी है कि हम जिंदगी की क्या परिभाषा समझते हैं। धन दौलत ऐश आराम क्या यह जिंदगी की स॔पूर्णता है या मन की शांति, तंदुरुस्त शरीर और संतुष्टि पूर्ण जीवन यह जिंदगी हे। इंसान के दिमाग का लालच इंसान को अच्छे रास्ते से भी भटका देता है उसे लगता है कि अरे यार यह कितना आगे है मैं भी कुछ करूं और वह अपने जीवन को मोड़ देता है, जिंदगी की खुशियों को एक तरफ छोड वह ग्लैमर लाइफ के पीछे भागता है। उसके दिमाग में नाम पैसा शोहरत वर्चस्व बनाने की होड़ लगी रहती है और यही वह चुक कर जाता है क्योंकि उसका बहुत सारा जिंदगी का समय इन सब बातों में खत्म हो जाता है। बहुत कम पर ऐसे भाग्यशाली भी है कि जो आज अपने परिवार के साथ रह रहे हैं दो – दो, तीन – तीन पीढ़ी साथ में रहती है एक एक दूसरे के प्रति समर्पित और सुरक्षित जीवन व्यतीत कर रहे हैं इसीलिए यह सबसे सुखी सबसे अमीर सबसे रईस जिंदगी में है। रईस से मतलब पैसा नहीं वरन् खुशियां है। जिंदगी के अधिकतर पल खुशियों में गुजारे आप सबसे ज्यादा रईस और जो सबसे ज्यादा तनाव बिना वजह की परेशानियों में अपनी जीवन गुजारते हैं वह सबसे ज्यादा गरीब।
अशोक मेहता, इंदौर (लेखक, पत्रकार, पर्यावरणविद्)