जैसलमेर: कोरोना काल के बीच जहां काम धंधे पूरी तरह से ठप्प पडे हैं ऐसे में देश के मजदूरों को बेरोजगारी से बचाने के लिये केन्द्र सरकार द्वारा चलाई जा रही नरेगा योजना के तहत सरहदी जिले जैसलमेर में भ्रष्टाचार का एक मामला सामने आया है. जिसमें ग्राम विकास अधिकारी द्वारा मजदूरों के भुगतान के एवज में रिश्वत लेने का प्रयास किया गया. लेकिन एसीबी की टीम ने उसे रिश्वत राशि के साथ आरोपी को रंगे हाथों पकड लिया है

– 50 मजदूरों से की थी पांच हजार रुपए की मांग:_
– मामला जैसलमेर जिले की सम पंचायत समिति के अधीन आने वाली सीतोडाई ग्राम पंचायत का है, जहां पर ग्राम विकास अधिकारी बलवंतसिंह द्वारा पंचायत में चल रहे नरेगा कार्यों में काम कर रहे मजदूरों के भुगतान को वैरीफाई करने के लिये प्रति मजदूर सौ रुपए के हिसाब से 50 मजदूरों से पांच हजार रुपए की मांग की थी जिस पर नरेगा कार्य में लगे मेट जितेन्द्रसिंह, भोपालसिंह व कालूसिंह द्वारा इस प्रकरण की शिकायत भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो को की गई. शिकायत मिलने के बाद ब्यूरो के उप पुलिस अधीक्षक अनिल पुरोहित ने मामले में तत्परता दिखाते हुए शिकायत की पुष्टि की एवं परिवादियों को रंग लगे नोट देकर ग्राम विकास अधिकारी के जैसलमेर स्थित कार्यालय में भेजा

– आरोपी को किया जाएगा कोर्ट में पेश:
– जहां पर एसीबी की टीम ने पहले से ही घेरा लगा रखा था, रिश्वत राशि दिए जाने का इशारा मिलते ही टीम ने तुरंत आरोपी बलवंत सिंह को हिरासत में ले लिया और उसकी जेब से रिश्वत राशि भी बरामद की और आरोपी के हाथ धुलवाये जिन पर भी नोटों का रंग लगा हुआ था. ब्यूरो की टीम आरोपी को पकडकर जैसलमेर स्थित एसीबी कार्यालय लाई है जिसे अब एसीबी न्यायालय जोधपुर में पेश किया जाएगा

-शौचालयों में ग्रामीणों से कमीशन की मांग:
– वहीं शिकायतकर्ता जितेन्द्र प्रजापत का कहना है कि आरोपी ग्राम विकास अधिकारी द्वारा पंचायत में लंबे समय से भ्रष्टाचार किया जा रहा था जिसमें प्रधानमंत्री आवास के भुगतान से लेकर स्वच्छ भारत मिशन के तहत बनने वाले शौचालयों में ग्रामीणों से कमीशन की मांग की जा रही थी, कानूनी पचडों से बचने के लिये लोग इसे रिश्वत दे भी रहे थे लेकिन इस बार गरीब मजदूरों की मजदूरी को लेकर की गई मांग पर इसकी शिकायत कर इसे ट्रेप करवाया गया है.