

बहुत सी बातें ऐसी हैं जो की सभी को ज्ञात है और उसका ज्ञान है परंतु आदत में नहीं होने से वह उन बातो को इग्नोर कर जाते हैं, छोड़ देते हैं और धीरे-धीरे भूल जाते हैं, फिर कभी कभार जब याद आती है तब पछताते हैं। कईयो को ज्ञात है रात को जल्दी सोना और सुबह जल्दी उठना और प्रकृति के वातावरण मैं अपने आपको तरोताजा रखना, फिर इस बात की आदत नहीं बनाते हैं। मालूम है कि मुझे वाॅक (सैर) करने से सेहत अच्छी रहती है फिर भी आदत नहीं बनाते हैं। प्रत्येक काम को तरीके से करना सीखना है तो इन बातों की आदत बनाएं जैसे कि आप जब चप्पल जूते खोलते हैं तो उसे दीवार से चिपका कर एक लाइन में रखें, आपके हाथ में माचिस की डिब्बी है तो उसमें यह ध्यान रखें कि तिली का सिर किधर होना चाहिए, बिस्तर से उठने के बाद चादर तकीये को व्यवस्थित रखें। आप यदी लिख रहे हैं तो कॉपी/ डायरी, पेन को वापस व्यवस्थित स्थान पर रखें। इसी तरह टीवी, एसी, पंखे के रिमोट इनको उपयोग के बाद निश्चित जगह पर रखे। बाहर से आने के बाद जब आप कपड़े बदलते हैं और उन्हीं कपड़ों को आपको वापस पहनना है तो उन्हें व्यवस्थित हैंगर पर रखें। खाना खाने से पहले हाथ धोना, प्रार्थना करना नहीं भूले। स्कूटर चला रहे हैं तो हेलमेट पहनना नहीं भूले। कहीं यात्रा पर जाना है तो समय से पहले तैयार होने की आदत डाले। जीवन शैली मैं नियमितता और अनुशासन की आदत रहेगी तो निश्चित रूप से जीवन आनंदमय रहेगा।
अशोक मेहता, इंदौर (लेखक, पत्रकार, पर्यावरणविद्)