– मुनाफा खोरी का धंधा बेख़ौफ़ जारी
झुंझुनूं 29 मार्च(ओम स्वामी)
लॉक डाउन के दौरान कालाबाजारी को रोकने में झुंझुनू प्रसाशन पूरी तरह से नाकाम हो रहा है। दुकानदार मनमर्जी से भाव बढ़ाकर महंगे भाव मे आटा, तेल,सब्जियां बेचकर भारी मुनाफा कमा रहे हैं। वही जिला प्रशासन मुनाफाखोरी करने वालो के खिलाफ कोई ठोस कदम नही उठा रहा हैं। जिसके चलते कालाबाजारी करने वाले भारी भरकम मुनाफा बटोर कर जेब भरने में जुटे है। प्राप्त खबरो के अनुसार आज से एक पखवाड़े पहले 10 किलो के आटे का कट्टा 210 रुपये हर दुकान पर मिलता था। जो आज कोरोना के कारण लॉक डाउन के चलते अब बड़े दुकानदारों ने उस दस किलो आटे की कीमत 300 रुपये तक पहुच गई है। इस मुनाफा खोरी के पीछे इतना दाम एक साथ कैसे अचानक बढ़े। यह एक बड़ा सवाल सब के जहन में है। वही खाध्य विभाग से जुड़े अधिकारियों की कार्यशैली पर सवालिया निशान खड़ा हो रहा है।
एक पखवाड़े में इतनी महंगाई कैसे बढ़ी। इसका जवाब तो जिम्मेदार अधिकारी ही दे पायेगे। एक साथ इतने दामो का बढ़ना एक गभीरं सवाल खड़ा हो गया है। छोटे दुकानदार कहते है कि थोक के व्यपारियो ने कोरोना की आड़ लेकर दामो में बढ़ोतरी कर दी है। हम क्या कर सकते हैं। मुनाफा खोरी पर अंकुश लगाना राज्य सरकार व जिला प्रशासन का काम है। थोक व्यपारियों ने मुनाफा कमाने के चक्कर मे इतने दाम बढा दिए है। अचानक दामो का बढ़ना एक बड़ी जांच का विषय है। इस पर अंकुश लगाना बहुत जरूरी है। जहा पूरा देश कोरोना जैसी माहमारी से निपटने के लिए बुरी तरह से जंग लड़ रहा है। वही दूसरी और झुंझुनूं में मुनाफा खोरो ने पूरी तरह से कालाबाजारी का कारोबार प्रारंभ कर रखा है। इसी तरह एक पखवाड़े पहले बाजार में 15 रुपये किलो आलू खुदरा में रेहड़ियों पर आसानी से मिल जाते थे। आज वो ही आलू 30 से 40 रुपये किलो के भाव से बिक रहे हैं। इसी तरह टमाटर 50 रुपये किलो जबकि एक पखवाड़े पहले 20 रुपये किलो मिलते थे। अदरक हरि मिर्च,पालक,गोभी, सभी का भाव आसमान छूने लग रहा है। इसी तरह जो चीनी एक पखवाड़े पहले अड़तीस रुपये किलो के भाव में खुदरा दुकानों पर बिकती थी। अब वो 45 रुपये किलो तक बिक रही है। इसी तरह एक लीटर की रिफाइंड तेल की बोतल जो 90 रुपये में मिलती थी वो आज 110 से लेकर 120 रुपये में बेची जा रही है। अन्य भी घरेलू सामग्री के दाम दुगने हो चुके है।
वही झुंझुनूं प्रसाशन के जिम्मेदार अधिकारी केवल आकड़ो का खेल खेल रहे हैं। जबकि कोरोना की आड़ में मुनाफाखोरी करने वालो ने कोई कोर कसर नहीं छोड़ रखी है। लॉक डाउन के चलते जहा आम आदमी परेशानी में है वही मुनाफा खोरी और कालाबाजारी करने वालो पर जिला प्रशासन जानबूझकर अंजान बने हुए है जनपद के विभिन्न सामाजिक संगठनों ने राज्य के मुख्यमंत्री से तेल,आटा, चीनी,दाल, सब्जियों के बढ़ी हुई दरों पर अंकुश लगाने बड़े जमाखोर व्यापारियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही कर आमजन को राहत पहुचाने की मांग की है।