

_प्राइवेट स्कूलों के हुए संचालक लामबंद
बीकानेर। उपनगर गंगाशहर एक निजी विद्यालय के संचालक पर की गई अवैधानिक कार्रवाई से बीकानेर के स्कूल संचालकों में भारी रोष है। मामला गंगाशहर की शांति बाल निकेतन स्कूल से जुड़ा है। बताया जा रहा है कि एक विद्यार्थी की टीसी को लेकर अभिभावक गोविंद सोनी ने गंगाशहर थाने में शिकायत की। इस पर डीओ एएसआई भवानी दान ने स्कूल संचालक मोंटी को फोन लगाया। टीसी देने की बात पर बहस हुई। संचालक ने कहा कि अभिभावक जानबूझकर स्कूल टाइम के बाद टीसी के लिए आता है। इसके बाद एएसआई भवानी दान पुलिस टीम के साथ बाल निकेतन स्कूल पहुंचे। वहां मोंटी व उसके भाई से बदसलूकी की गई। उसे घसीटते हुए बाहर लाए। मोंटी के भाई से भी मारपीट की गई। आरोप है कि पुलिस की गाड़ी में अभिभावक भी बैठा था। उसने गाड़ी का गेट खोला। अभिभावक व पुलिस ने मिलकर संचालक को गाड़ी में डाला। भाई को भी अंदर डालने का प्रयास किया मगर बाद में छोड़ दिया।
घटना की जानकारी पर कई स्कूल संचालक लामबंद हो गए। हालांकि थानाधिकारी लक्ष्मण सिंह का कहना है कि बाद में उन्होंने मोंटी को टीसी देने का कहकर छोड़ दिया।
पुलिस की सारी दबंगई सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई। वीडियो वायरल हुए तो स्कूल संचालकों में पुलिस की इस कार्रवाई के खिलाफ रोष व्याप्त हो गया। शाम 6 बजे सभी इकट्ठा हुए। बैठक में विरोध का निर्णय लिया। करीब 8 बजे सभी थाने का घेराव करने चले गए। घेराव करते करते सभी थाने के अंदर धरने पर बैठ गए।
थानाधिकारी लक्ष्मण सिंह ने धरने पर बैठे शिक्षकों से बात की। गलती भी स्वीकार की। कहा कि आरोपी एएसआई को लाइन हाजिर कर दिया है। लेकिन शिक्षक व स्कूल संचालक एएसआई सहित तीन अन्य पुलिसकर्मियों को निलंबित करने की मांग पर अड़े रहे। आरोपियों के खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज करने की मांग की गई। थानाधिकारी को परिवाद दिया गया मगर मुकदमा दर्ज नहीं हुआ। करीब साढ़े ग्यारह बजे तक मशक्कत के बाद कलेक्टर से मिलना तय हुआ। हालांकि बीच रास्ते में ही कलेक्टर से मिलने की बात हवा हो गई। बताया जा रहा है बुधवार सुबह एसपी व कलेक्टर से मिलकर एएसआई भवानी दान सहित आरोपी पुलिसकर्मियों को निलंबित करने व मुकदमा दर्ज करने की मांग की जाएगी।
उल्लेखनीय है कि यह पहला मामला है जब टीसी जैसी सामान्य बात पर पुलिस द्वारा एक स्कूल संचालक को इस तरह से उठाकर थाने लाया गया हो। जबकि टीसी के मामले की शिकायत शिक्षा विभाग को की जानी चाहिए थी। बताया जा रहा है कि कार्रवाई के दौरान परिवादी भी पुलिस गाड़ी में साथ आया था। अगर ऐसा है तो यह और भी गंभीर बात है। आमजन को भयमुक्त करने की बजाय इस तरह की दबंगई दिखाना पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े करता है। गंगाशहर पुलिस की इस कार्रवाई ने पुलिस विभाग के स्लोगन ‘अपराधियों में भय, आमजन में विश्वास’ पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। देश को आईएएस आईपीएस जैसे अफसर देने वाले शिक्षकों की इस दुर्गति के खिलाफ बुधवार को बड़ा आंदोलन होने की आशंका भी जताई जा रही है।