– दोषारोपण बीमार बच्चे के परिजनों का
पुलिस पर बनाया जा रहा है परिजनों की गिरफ़्तारी का दबाब
धौलपुर । अब इसे चिकित्सकों की मनमानी कहे या धरती के भगवान की तानाशाही, जिंदगी और मौत से जूझ रहे ढाई माह के बालक को रात्रि 9 बजे दिखाने आये परिजनों की मनुहार पर भी चिकित्सक ने देखने से मना कर दिया और तो और चिकित्सक ने पीड़ित परिजनों को ढांढस भी नहीं बंधाया और फोन कर स्टाफ से मना करने के निर्देश दे दिये,जब पीड़ित परिजन स्टाफ के आगे रोते गिड़गिड़ाते रहे और उन्हें अपने बच्चे को बचाने के लिए चिकित्सक को एक बार देखने के लिए मनाते रहे तो स्टाफ ने तैस में आ गया पर स्टाफ रूपी नर्सिंग कर्मी ने बीमार बालक के पिता में घूसा मारा, लेकिन पिता जब अपने आप को बचाया तो घूंसे का प्रहार केबिन में लगे कांच पर हुआ और वह टूट गया, इसके बाद पीड़ित माता-पिता अपने बच्चे को लेकर आगरा गये जहां उपचार से फायदा नहीं मिलने पर उसे जेके लोन अस्पताल जयपुर में भर्ती कराया जहां बच्चा वेंटिलेटर पर है और जिंदगी व मौत से जूझ रहा है, चिकित्सकों का कहना है कि यदि उसे तुरंत उपचार मिलता तो इतनी स्थिति नहीं बिगड़ती।
बीमार बच्चे के पीड़ित पिता राहुल शर्मा पुत्र स्वर्गीय परमानंद शर्मा निवासी मधुबन कॉलोनी धोलपुर का कहना है कि वह अपने बीमार बेटे को दिखाने घंटाघर स्थित डॉक्टर नीरज त्यागी के क्लीनिक पर 15 जुलाई को 8 से 9 बजे के बीच अपनी पत्नी के साथ गया था, उसके बेटे के मुंह से झाग निकल रहे थे, तबीयत बिगड़ रही थी ऐसे में उसने उपस्थित स्टाफ से चिकित्सक को बुलाने की गुहार लगाई, जब चिकित्सक ने देखने से मना कर दिया तब भी वे रोते हुए अपने बेटे को बचाने की गुहार लगाते रहे, इस दौरान स्टाफ एक बार अंदर केबिन में भी गया और चिकित्सक को फोन लगाया जो उस दौरान एक पार्टी में होना बताया गया था, चिकित्सक के मना करने की बात कहकर उन्हें वहां से जाने की कहा, जब उन्होंने और निवेदन किया तो उन पर गुस्सा होते हुए उसके साथ खड़े एक स्टाफ ने उसके मुक्का मारा जब उसने अपने आप को बचाया तो मुक्का केबिन के कांच में लगा जिससे वह टूट गया, और स्टाफ के हाथ मे चोट लग गई, लेकिन बच्चे की हालत ज्यादा बिगड़ते देख वह अपनी पत्नी और बच्चे के साथ बाहर निकल कर चला गया,यह पूरा वाक्य सीसीटीवी कैमरे में कैद है, उसका कहना है कि यदि उसकी कहीं भी गलती है तो सजा भुगतने के लिए तैयार है लेकिन वर्तमान में उसका बच्चा जेके लोन अस्पताल में वेंटिलेटर पर और जिंदगी और मौत से जूझ रहा है, उसकी कोई गलती नहीं है फिर भी यदि उसने कोई गलती की है तो माफी मांगने तक के लिए तैयार है लेकिन धरती के भगवान से ये उम्मीद नहीं है कि किसी बच्चे के जीवन को बचाने के लिए वह उसे देखने तक से मना करें और साथ में अभद्रता खुद का स्टाफ करें, और मामला भी दर्ज करा दिया जाये, बाद में उसे पता लगाया कि उसके खिलाफ कोतवाली थाने में मामला दर्ज कराया है पुलिस उसके घर के चक्कर लगा रही है जो कि वह अपने बच्चे बच्चे को बचाने के लिए जेके लोन अस्पताल में अपनी पत्नी के साथ लगातार ईश्वर से प्रार्थना कर रहा है।