

साधु-साध्वी भगवन्तों का भव्य मंगल प्रवेश सोमवार को होगा
दीक्षा महोत्सव के त्रिदिवसीय कार्यक्रम का आज होगा श्रीगणेश,
दीक्षा महोत्सव की तैयांरिया अन्तिम चरण में
धोरीमना 24 अप्रेल। धर्म नगरी धोरीमन्ना में परम पूज्य खरतरगच्छाधिपति आचार्य श्री जिनमणिप्रभसूरीश्वरजी म.सा. व वसी मालाणी रत्नशिरोमणि ब्रह्मसर तीर्थोद्वारक आचार्य श्री जिनमनोज्ञसूरीश्वरजी म.सा. की पावन निश्रा, मुमुक्षु जीवन समर्पण गुरूवर्या माताजी म.सा. रतनमाला श्रीजी म.सा. व बहन म.सा. डॉ. विधुतप्रभा श्रीजी म.सा., साध्वी अमितगुणाश्रीजी, साध्वी प्रियरंजना श्रीजी, आदि ठाणा साध्वी-साध्वीवृन्द के पावन सानिध्य में मेवाराम सुरेश कुमार बोथरा द्वारा व सकल जैन श्री संघ धोरीमन्ना व श्री बाड़मेर जिकुशलसूरी दादावाड़ी ट्रस्ट मण्डल धोरीमन्ना के तत्वाधान में धोरीमन्ना की मुमुक्षु रवीना बोथरा के दीक्षा महोत्सव के कार्यक्रम 25 अप्रेल से 27 अप्रेल तक आयोजित होंगें। जिसका आगाज आज सोमवार को प्रथम दिन गुरूभगवन्तों के मंगल नगर प्रवेश के साथ श्रीगणेश होगा। दीक्षा महोत्सव के सुरेशकुमार बोथरा ने बताया कि मुमुक्षु रवीना बोथरा की दीक्षा महोत्सव के त्रिदिवसीय कार्यक्रम के प्रथम दिन सोमवार को प्रातः 9.00 बजे भव्य सामैया के साथ साधु-साध्वी भगवन्तों का मंगल प्रवेश का जुलुस स्टेशन रोड़ से निकलेगा, जो मुख्य मार्गो से होता हुआ कार्यक्रम स्थल श्री जिनकुशलसूरी दादावाड़ी प्रांगण में पहुंचेगा जहां पर आचार्यश्री का प्रवचन होगा। इसी दिन कार्यक्रम के दौरान दीक्षार्थी रवीना बोथरा के डोरा बान्धने, संघ स्वामीवात्सल्य, वस्त्र रंगने का विधान व रात्रि में दीक्षार्थी की घोड़ी पर बन्दोली व भव्य भक्ति संध्या का कार्यक्रम होगा। बोथरा ने बताया कि 26 अप्रेल मंगलवार को प्रातः 08.00 बजे दीक्षार्थी के वर्षीदान का भव्य वरगोड़ा, संघ स्वामीवात्सल्य, दोपहर में 03.00 बजे बड़ी सांझी, सांय 04.00 बजे अन्तिम वायणा व रात्रि में 08.00 विदाई समारोह का कार्यक्रम आयोजित होगा। 27 अप्रेल को बुधवार को प्रातः 06.00 बजे शुभ मुहुर्त में मुमुक्षु रवीना बोथरा संयम ग्रहण करेगी और दोपहर में संघ स्वामीवात्साल्य का आयोजन होगा। इस ऐतिहासिक दीक्षा महोत्सव में पुरे भारत भर से हजारों गुरूभक्त व कई हस्तियां शिरकत करेगी। कार्यक्रम को लेकर तैयारियां जोरों पर चल रही है। बोथरा ने बताया कि दीक्षा महोत्सव के कार्यक्रम को लेकर सकल जैन समाज धोरीमना में उत्साह है और पुरा धोरीमना नगर तोरणद्वार व होर्ड़िग व प्रवेश द्वार से सजाया गया है।

