मृतक हरियाणा के गांव निंबी (महेंद्रगढ़) का पूर्व सरपंच
मौके पर प्रशासन व एंबुलेंस नहीं पहुुंचने पर जताया रोष
अनिल जान्दू
श्रीगंगानगर।*जिला हनुमानगढ़ की संगरिया तहसील के त्रिदेव मंदिर से पूजा-अर्चना के बाद घर लौटते समय सार्दुल ब्रांच नहर में अनियंत्रित कार गिरने पर डूबने से एक परिवार की दो बेटियों, एक बेटे सहित उनके पिता की मौत हो गई जबकि मां-बेटी गंभीर हालत में हनुमानगढ़ में उपचाराधीन हैं। हादसा नाथवाना रोड स्थित पुल समीप शुक्रवार सुबह करीब पौने नौ बजे हुआ। पुल पर से गुजरते एक राहगीर ने जब कार डूबते देखी तो शोर मचाया। इस पर कार-टैक्सी स्टेंड व पास की गोशाला से लोग दौड़कर पहुंचे।
मां-बेटी कार से निकाली, हस्पताल में हो रहा उपचार
गांव रतनपुरा के एक कार चालक सतपाल पुत्र मनीराम, कस्बे के मुकेश सोनी, राकेश जाखड़, कृष्ण, अजय बिश्रोइ आदि ने छलांग लगाकर कार में से जीवन-मृत्यु के बीच संघर्ष कर रही मां-बेटी को नौ बजे बाहर निकाल लिया। निजी कार से उन्हें हस्पताल पहुंचाया। जिन्हें डॉ. नरेश गर्ग व अरविंद शर्मा की टीम ने संभाला। बाद उपचार गंभीर हालत देखते हुए हनुमानगढ़ रेफर कर दिया गया। लेकिन बाकी लोगों को कार में पानी भरने से गहराई तक डूबने के चलते बचावदल बाहर नहीं निकाल सके। आनन-फानन में घटना आग की तरह फैल गई। नहर पर भारी भीड़ उमड़ गई। भारी भीड़ को नहर से हटाने में पुलिसकर्मियों को काफी मशक्कत करनी पड़ी।
राहत व बचाव कार्य शुरु
थाना प्रभारी इंद्रकुमार, एएसआई सुखपालसिंह, हवलदार किशोर मान, यातायात पुलिसकर्मी प्रशांत गोदारा समेत पुलिस मौके पर पहुंच गई। नगरपालिका के पूर्व ईओ अरविंद खन्ना, सफाई निरीक्षक राम नारायण तथा सन्नी पहाडिय़ा जेसीबी मशीन तथा दमकल प्रभारी रामसिंह बगडिय़ा दमकलकर्मिकों को लेकर फायर ब्रिगेड सहित आ गए। राहत व बचाव कार्य शुरु हुआ। कुछ युवकों ने नहर में कूद कार की थाह लगाने की कोशिश की लेकिन नाकाम रहे। आखिरकार रस्सियों एवं कांटे-जाल की मदद से दो घंटे के प्रयास के बाद कार जाल में अटक गई। करीब 11 बजे जेसीबी मशीन की मदद से रस्सियों से कार को बांधकर नहर किनारे लाए।
जेसीबी की मदद से चार निकाले, पानी में डूबने से हुई मौत
चालक साईड खिड़की में घुसकर पुलिसकर्मी लायकसिंह समेत अन्य तीन युवकों ने मिलकर कार में फंसे पिता सहित बच्चों को बाहर निकाला। लोगों ने शरीर में घुसे पानी को निकालकर कृत्रिम श्वांस देने की कोशिश की लेकिन बात नहीं बनी। मौके पर एंबुलेंस नहीं होने से अरविंद खन्ना व हवलदार ओमप्रकाश अपने वाहनों में उन्हें डाल कर अस्पताल ले गए। जहां चिकित्सकों ने बाद जांच उन्हें मृत घोषित कर दिया। दर्दनाक हादसे में गांव निम्बी जिला महेंद्रगढ़ (हरियाणा) निवासी पूर्व सरपंच रहे राकेश कुमार (40) पुत्र सुरजीत धानक, उसके बेटे कुणाल (16), दो बेटियों खुशी उर्फ कालो (15) व वंदना (12) की मौत हो गई जबकि उसकी पत्नी कमलेश रानी (35) व पुत्री कोमल (19) गंभीर हालत में हनुमानगढ़ अस्पताल में उपचाराधीन हैं। हस्पताल में आए तहसीलदार कुलदीप पूनियां तथा पुलिस थाना प्रभारी इंद्र कुमार के नेतृत्व में चिकित्सकों ने चारों मृतकों के शव मोर्चरी रुम में रखवाए।
परिवार से मिलने आए थे, आज लौटना था गांव
संगरिया कस्बे के वार्ड आठ निवासी सुनीलकुमार पुत्र लक्ष्मण राम धानक ने बताया कि उनके ताऊ का बेटा गांव निंबी निवासी राकेश कुमार गांव का पूर्व सरपंच है। जो अपने परिवार सहित रिश्तेदारों से मिलने के लिए परसों संगरिया अपनी स्विफ्ट कार नंबर एचआर 51 एडब्ल्यू 7928 पर पत्नी व बच्चों समेत आया था। जिन्हें आज शाम को वापिस गांव लौटना था। वे शुक्रवार सुबह नहर की आरडी 59 गोशाला हैड के पास स्थित त्रिदेव मंदिर, गोशाला व पार्क देखने के लिए गए थे। कार पर वापिस घर लौटते समय नाथवाना पुल से कुछ दूर पहले ही उनकी कार अचानक अनियंत्रित होकर नहर में पलट गई। जैसे ही कार गिरने की सूचना पहुंची महिलाएं रोते हुए नहर पर पहुंच गई। जिन्हें बड़ी मुश्किलों से ढांढस बंधाते हुए घर भेजा। पूरे परिवार में से भाभी कमलेश व बड़ी बेटी कोमल जीवित बचे हैं बाकी पूरा परिवार हादसे में काल कलवित हो गया।
एंबुलेंस व डॉक्टर मौके पर होते तो एक बच्ची की बच जाती जान
सांवरिया के तोला-धानका यूनियन अध्यक्ष मुकेश धलोड़, पूर्व अध्यक्ष अमित, पूर्व पार्षद रामचंद्र, पार्षद पिता राज धलोड़, जितेंद्र सोलंकी व परिजनों समेत धानक समाज के लोगों ने मौके पर एंबुलेंस, चिकित्सक तथा प्रशासनिक अधिकारियों के नहीं पहुंचने पर गहरा रोष जताया। आरोप लगाया कि मौके पर यदि एंबुलेंस व डॉक्टर होते तो बच्ची वंदना की जान बच सकती थी चूंकि जब पानी पेट से निकाला गया तो उसके शरीर में हलचल व सांस चल रही थी। उन्होंने हस्पताल के रेफरल होने को आमजन के जीवन के लिए घातक बताते हुए विशेषज्ञ चिकित्सकों एवं अच्छे स्टाफ की नियुक्ति सहित पीडि़त परिवार को सहायता दिलाने की गुहार लगाते हुए कलक्टर को मौके पर बुलाने की मांग रखी। ऐसा नहीं होने पर पोस्टमॉट्र्म करवाने से इंकार कर दिया। लेकिन महेंद्रगढ़ से अन्य परिजनों के आने के बाद आगामी कार्रवाई होगी। हस्पताल में महिलाओं का कं्रदन थमने का नाम नहीं ले रहा था। हादसे को देख व सुनकर हर कोई द्रवित व नियति को कोस रहा था। मां-बेटी हनुमानगढ़ आईसीयू में भर्ती हैं।