बिहार(सुपौल)- (कोशी ब्यूरों)-जिले की पुलिस एक बार फिर से सुर्खियों में है।जहां जदिया पुलिस का शर्मनाक चेहरा सामने आया है। जब एक गरीब ,बेबस ,लाचार दुखियारी मां की फरियाद नही सुनी जा रही है।हद तो तब हो गई जब इस दुखयारी मां की अपहृत बेटी को वापस लाने के लिए थानेदार 20 हजार बतोर घुस मांग रहे है।साथ ही थानेदार अपहृता की मां को ही दोषी बताकर उनपर ही केस दर्ज होने की बात कह रहे है।और पीड़िता मां पर केस दर्ज नही नही कर अपनी पीठ थपथपा रहे है।हालांकि थानेदार पंकज कुमार घुस मांगने की बात को झूठा और आवेदन नही देने की बात कह रहे है।

यह है मामला-

जदिया थाना क्षेत्र के मानगंज पश्चिमी पंचायत के दतुआ वार्ड 9 निवासी चूलिया देवी ने आरोप लगाया है कि उनकी पुत्री को छातापुर थाना क्षेत्र के मोहनपुर (बनकुलवा) निवासी अभिनंदन सरदार बहला फुसलाकर कर बाहर बेचने के लिए अपहृत कर लिया । घटना होली के आसपास की है। वे मामले की लिखित शिकायत करने जदिया गई, तो उसका आवेदन नही लिया गया फिर थाने की एक महिला चौकीदार ने उनसे 500 रुपये और आवेदन लेकर केस दर्ज कराने का आश्वासन दिया।लेकिन आजकल केस दर्ज नहीं किया गया। कुछ दिन पूर्व लड़की के दिल्ली के किसी अल्पागृह में होने की सूचना मिली। तो वह अपनी बेटी को वापस लाने की गुहार थानाध्यक्ष से की तो उन्होंने बेटी को शकुशल घर लाने के लिए 20 हजार रुपए की मांग की ।पीड़िता का कहना है कि वे काफी गरीब है, उसका पति परमानंद सरदार और पुत्र रवि कुमार पंजाब में मजदूरी करता है, वह इतनी बड़ी रकम देने में असमर्थ हैं।

पुलिस की कार्यशैली पर उठ रहे हैं सवाल –

इस मामले में सच्चाई जो भी हो लेकिन पुलिस की कार्यशैली पर सवाल अवश्य खड़े हो रहे हैं। इतनी बड़ी घटना की जानकारी के बाद जिसे थानाध्यक्ष खुद स्वीकार करते हैं बाबजूद केस दर्ज नही किया गया, साथ ही लड़की की मां अगर आवेदन नहीं दे रही थी तो सम्बंधित महाल के चौकीदार के बयान पर या एनजीओ की सूचना पर कम से कम स्टेशन डायरी में नियमानुसार अंकित की जानी चाहिए थी,यह किस परिस्थिति में नहीं किया गया। इसके साथ ही लड़की को भगा कर ले जाने वाले व्यक्ति का लड़की की मां द्वारा नाम बताए जाने के बाद भी उनके बिरुद प्रारंभिक जांच तक कि कार्यबाही क्यो नही की गई। ऐसे कई और सवाल है जिसका पुलिस के पास शायद जवाब नहीं है।वही थानाध्यक्ष पंकज कुमार ने कहा कि कोई आवेदन नहीं दिया गया है। लड़की अल्पागृह में है, एनजीओ से उसकी मां की बात महीने पहले उन्होंने कराया था।लेकिन खुद चूलिया देवी बेटी को वापस नहीं लाना चाहती है।पुलिस पर आरोप लगाना आसान है।केस लड़की की मां पर होनी चाहिए।