बीकानेर /पूर्व केन्द्रीय मंत्री और जयपुर ग्रामीण के सांसद राज्यवर्धन सिंह राठौड ने शनिवार को प्रेस वार्ता में कहा कि विपक्ष नागरिक संशोधन विधेयक के मुद्दे में जनता को गुमराह कर रहा है और देश में अराजकता फैलाने का कार्य किया जा रहा है। अब आने वाले समय में जगह जगह पर भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता व नेता लोगों में जाकर इस बिल का प्रचार करेंगे ताकि लोगों को सही मायने में इस बिल के बारे में जानकारी हासिल हो। उन्होंने कहा कि जो हिंदुस्तान के लोग 3 पड़ोसी देशों में शरणार्थी बनकर रह रहे हैं उन्हें सदस्यता या नागरिकता देने का इस बिल में प्रावधान है। पाकिस्तान,बांग्लादेश और अफगानिस्तान इन 3 देशों में जो अल्पसंख्यक लोग जैसे हिंदू,सिख ईसाई या कोई पारसी जो 2014 के बाद इन देशों देश में रह रहे हैं जिनको लगता है कि उनके अधिकारों का हनन हो रहा है उन लोगों के लिए सरकार यह बिल ले है।
2014 से पहले जो 6 धर्मो के अनुयायी हिन्दु,सिख,बौद्व, ईसाई,जैन और पारसी इनमें से जिन्होंने शरण ले रखी है उनको नागरिकता देने से है। जब संविधान बना उस समय भी नागरिकता कानून के अन्दर समय समय पर जरूरी बदलाव करने की गुंजाइश रखी इस समय 5 उपाय है जिससे नागरिकता मिल सकती है। कानून वैसे ही है जैसे पहले था । किसी भी देश या धर्म का व्यक्ति नागरिकता ले सकता है लेकिन ये 3 देश जिनमे अल्पसंख्यकों को प्रताडि़त किया जाता रहा है जो कि भारत मे नागरिकता लेना चाहते है उनके लिए आसान किया गया है 2014 के बाद आये व्यक्ति भी नागरिकता के लिए आवेदन कर सकते है उसके लिए 11 साल रहने की जरूरत नही ये सिर्फ 5 साल रहने से ही नागरिकता मिल जायेगी।उन्होंने कहा कि जो शरीयत के कानून के अनुसार चलने वाले इस्लामिक देशों में जो मुस्लिम है वह अल्पसंख्यक नहीं है वह इस्लामिक देश है तो इस बिल में उन मुसलमानों को कैसे लिया जा सकता है। उन्होंने कहा कि एक विशेष समुदाय के बीच भ्रम फैलाने का काम विपक्ष कर रहा है। सिंह ने कहा कि ये सीधे आसानी से नहीं हुआ है इसके लिए एक्शन लेने वाले पीएम ने काम किया है।
महात्मा गांधी को फॉला करते है और महात्मा गांधी ने कहा था कि आजादी के बाद कहा कि पाकिस्तान में रहने वाले हिन्दु और सिख आसानी से भारत आ सकते है,उनको मूूलभूत सुविधायें देना भारत सरकार का कर्तव्य है और ये 15 जून 2015 को आंकड़े जारी हुए जिसमें चार हजार 300 हिन्दु और सिख प्रत्येक वर्ष भारत मे शरण लेने आ रहे है। 19 जून 2016 को नागरिकता कानून को लोकसभा मे पेश किया गया 12 अगस्त 2016 को इस कानून को संयुक्त समिति मे भेज दिया गया। ढाई साल तक संयुक्त समिति ने गहनता से इसकी जांच की जनवरी 2019 मे लोकसभा में पास हुआ और राज्यसभा मे अटक गया इसके साथ ही भाजपा ने लोकसभा चुनाव मे अपने घोषणा पत्र मे लिखा कि सिटीजन अपेन्टमेन्ट बिल पर कि हम पडोसी देशों के प्रताडि़त, धार्मिक एंव अल्पसंख्यकों के संरक्षण के लिए बिल लेकर आयेंगे एंव उसमें ये भी लिखा कि पूर्वोतर के भाषा,सामाजिक पहचान की रक्षा के लिए प्रतिबधित है। उन्होंने इस बिल को लेकर भाजपा के कन्फ्यूजन की बात को नकारते हुए कांग्रेस के भ्रमित होने की बात कही।
प्रेस वार्ता में जिलाध्यक्ष अखिलेश प्रताप सिंह,पूर्व जिलाध्यक्ष डॉ सत्यप्रकाश आचार्य और मोहन सुराणा भी मौजूद रहे।