

बेंगलुरु में विपक्षी दलों की हुई बैठक के बाद जहां एक तरफ गठबंधन का नाम ‘ इंडिया ‘ तय हुआ वहीं आम आदमी पार्टी भी अब खुलकर विपक्ष के साथ आई। इसके विपक्ष के सबसे बड़े दल कांग्रेस को बहुत झुकना पड़ा। सबसे पहले तो पार्टी ने केंद्र सरकार के उस अध्यादेश के विरोध के लिए हामी भरी जिसमें दिल्ली की केजरीवाल सरकार के अधिकार कम किये गए हैं। पटना बैठक में कांग्रेस ने साथ का वादा नहीं किया तो केजरीवाल नाराज होकर निकल लिए थे। बेंगलुरु में कांग्रेस के वादे के बाद केजरीवाल बदले बदले दिखे। ये कांग्रेस के त्याग से सम्भव हुआ।
बेंगलुरु बैठक के बाद नेताओं ने केवल गठबंधन का नाम बताया, मगर अंदरखाने कुछ और भी बातें तय हुई जिनको अभी सार्वजनिक नहीं किया गया है। समय पर या महाराष्ट्र में इंडिया की होने वाली अगली बैठक में बताया जायेगा। लेकिन जिस तरह से ममता की सोनिया व राहुल से, राहुल की केजरीवाल से बातें हुई उससे लगता है कि कुछ आगे का भी तय हुआ है। राहुल और अखिलेश भी हंसते हुए साथ दिखे। नहीं तो ये मुलाकातें यूं ही नहीं होती और उसकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर बहुत वायरल नहीं होती।
इंडिया के भीतरी सूत्रों के अनुसार इंडिया को मजबूत बनाने व कायम रखने के लिए कांग्रेस 4 राज्यों में बलिदान के लिए तैयार हो गई है। ये राज्य है यूपी, बंगाल, पंजाब और दिल्ली। जहां क्रमशः सपा, टीएमसी और आप का दबदबा है। हालांकि यहां कांग्रेस सदा से मुख्य दल के रूप में लड़ती रही है मगर 2024 में वो कम सीट पर संतोष करने के लिए राजी हो गई है। क्योंकि कांग्रेस के त्याग के बिना इंडिया के मज़बूत गठबन्धन की स्थिति ही नहीं बनती। गठबंधन की बात जब नीतीश ने चलाई तब सभी क्षेत्रीय दल इस बात पर ही साथ आने को राजी हुए कि उनके प्रभुत्व वाले राज्यों में उनको अधिक सीट मिले। कांग्रेस ने ये माना तब इंडिया का गठन हुआ है।
राजनीतिक सूत्रों का कहना है कि इस त्याग के लिए पहले कांग्रेस में भी बड़े नेताओं के साथ गहरा मंथन हुआ। दिल्ली, पंजाब व बंगाल के कांग्रेसी नेताओं के सुर कुछ अलग थे। बाद में सोनिया गांधी की पहल पर खड़गे व राहुल ने इन राज्यों के अपने नेताओं को समझा के राजी किया। बड़े ध्येय के लिए त्याग तो जरुरी है। कांग्रेस के सोच में आया ये बदलाव ही इंडिया के गठन का आधार बना है। अब 328 सीट पर तो इंडिया भाजपा को कड़ी चुनोती देने की स्थिति में आ गई है। अगले महीने महाराष्ट्र में होने वाली बैठक में इंडिया सीटों के बंटवारे के अलावा इस गठबंधन के अध्यक्ष व संयोजक के नाम भी तय होंगे।
– मधु आचार्य ‘ आशावादी ‘
वरिष्ठ पत्रकार