भाजपा में सरकार व संगठन का चेहरा जल्दी बदलेगा, राज्य की भी बढ़ेगी भागीदारी
केंद्र सरकार व भाजपा के संगठन में बड़ा फेरबदल जल्दी होने के आसार बन गये हैं। पिछले दिनों पीएम ने इस विषय में गृह मंत्री अमित शाह व राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा के साथ एक लंबी बैठक भी की थी। बताते हैं, इस बैठक में बदलाव के हर पहलू पर गहन विचार के बाद कुछ तय किया गया है। हाल ही में नड्डा ने उत्तरी क्षेत्र के सीएम, पूर्व सीएम, वरिष्ठ नेताओं के साथ भी एक मैराथन बैठक की थी, उनसे भी फीडबैक लिया गया है। जानकारी के अनुसार चार चुनावी राज्यों पर विशेष फोकस किया गया है। ये राज्य है राजस्थान, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ व तेलंगाना। इसके अलावा अगले साल होने वाले आम चुनाव को भी बदलाव की प्रक्रिया में ध्यान रखा जा रहा है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि मंत्रिमंडल के कुछ सदस्यों को राज्यों के व आम चुनाव की दृष्टिगत संगठन में भेजा जाना तय हुआ है। चार राज्यों के जो चुनाव हो रहे हैं उनमें इसी बात का ध्यान रखते हुए पर्यवेक्षक लगाये गये हैं। प्रह्लाद जोशी को राजस्थान का प्रभारी बनाया गया है वहीं भूपेंद्र यादव व अनिल वैष्णव को मध्यप्रदेश का जिम्मा दिया गया है। इनके अलावा ओम माथुर को छत्तीसगढ़ व प्रकाश जावड़ेकर को तेलंगाना की कमान सौंपी गई है। इनके साथ सह प्रभारी भी लगाये गये हैं। ये परिवर्तन सांगठनिक नजरिये से किये गये हैं।
अब मंत्रिमंडल में संभावित फेरबदल पर सबकी नजरें टिकी है। जिन राज्यों में चुनाव है, वहां से कुछ नये मंत्री बनाये जाएंगे। जहां चुनाव हो चुके और उन राज्यों से ज्यादा मंत्री है वहां संख्या कम की जायेगी। राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि इस प्रक्रिया में राजस्थान से भी कुछ मंत्री लिए जा सकते हैं, जिनकी संख्या 2 से 3 हो सकती है। माना जा रहा है कि एक मंत्री का कद बढ़ाया जा सकता है और बाकी जातीय संतुलन बनाने के लिए मंत्री बनाये जायेंगे। वर्तमान में राज्य से एक जन जाति का मंत्री केंद्र में नहीं है, इस जाति का एक बड़ा वोट बैंक है जो कई सीटों पर प्रभाव रखता है। इसलिए इस जाति से किसी को मंत्रिमंडल में लिया जा सकता है।
पार्टी ने अपने पहले किये उस निर्णय को कायम रखा है कि इस बार चारों राज्यों में किसी को भी सीएम फेस नहीं बनाया जायेगा, पीएम के चेहरे पर ही चुनाव लड़ा जायेगा। इसका उदाहरण शनिवार को नोरंगदेसर, बीकानेर में हुई मोदी की चुनावी सभा है जिसमें राज्य सरकार पर भी उन्होंने ही जमकर प्रहार किया। पेपर लीक सहित अन्य मसलों पर बोले। यहां तक कि मंत्रियों के सरकारी आवास छोड़कर निजी आवास पर जाने वाली घटना की भी उन्होंने चुटकी ली। पूर्व सीएम वसुंधरा राजे बैठी थी मगर उनको तो बोलने का अवसर भी नहीं दिया। इससे जाहिर है कि पार्टी मोदी और अपने दूसरे राष्ट्रीय नेताओं को ही राजस्थान के रण में उतार नैया पार लगाना चाहती है ताकि अपनी पसंद का मुख्यमंत्री बना सके।
कुल मिलाकर आने वाला समय बड़ी राजनीतिक उथल पुथल का होगा, ये अब लगने लग गया है। भाजपा अपनी सरकार व संगठन में बड़े बदलाव कर चुनाव की वैतरणी पार करने की जुगत में है। मगर ये भी सच है कि अभी पूरा धरातल कहें या बिसात कहें, आम चुनाव को लेकर ही बिछाई जा रही है क्योंकि नजर उसी पर है।
– मधु आचार्य ‘ आशावादी ‘
वरिष्ठ पत्रकार