-मुकेश पूनिया-
बीकानेर । विधानसभा और लोकसभा चुनावों में पार्टी प्रत्याशियों के लिये धूंआधार प्रचार करने वाले नोखा के कांग्रेसी कार्यकर्ता इस बार पालिका चुनावों के माहौल में पूरी तरह मायूस है,वजह यह है कि कांग्रेस के दिग्गज रणनीतिकारों ने यहां नोखा विकास मंच के साथ अंदरखाने समझौता कर पार्टी प्रत्याशी ही चुनावी मैदान में नहीं उतारे है । इसे लेकर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविन्द सिंह डोटासरा बयान दिये है,नोखा में पार्टी प्रत्याशी नहीं उतारना कांग्रेस की रणनीति का हिस्सा है । वहीं कांग्रेसी रणनीतिकारों के इस आत्मघाती कदम से पार्टी कार्यकर्ता खासे आहत है,लेकिन अनुशासन की डोर से बंधे होने के कारण अपनी पीड़ा भी जाहिर नहीं कर पा रहे है। वहीं कई कार्यकर्ता बागी बनकर अपने वार्डो से चुनावी मैदान में भी उतर गये है,जिनके प्रति सहानुभूति की लहर देखी जा रही है । कांग्रेस कार्यकर्ताओं की सबसे बड़ी पीड़ा यह है कि विकास मंच के गलियारों में उन्हे तरजीह नहीं मिल रही है । इधर भाजपा साफ तौर पर प्रहार कर रही है कि नोखा में कांग्रेस ने विकास मंच के आगे घुटने टेक दिये है । भाजपा नेताओं की मानें तो नोखा में विकास मंच और कांग्रेस का मामला गोलमाल है,यहां कांग्रेस विकास मंच के समर्पित हो गई है,और विकास मंच खुद के सिंबल अलमारी को तिलाजंलि देकर एनसीपी के चिन्ह पर चुनाव लड़ रही है। ऐसे में भाजपा के रणनीतिकार नोखा के विकास मंच को एनसीपी का क्लोन कहने से नहीं चूक रहे है । वहीं राजनीति के जानकारों का कहना है कि गत विधानसभा चुनावों में कांग्रेस ने नोखा सीट पर कब्जा जमाने के लिये विकास मंच के कन्हैयालाल झंवर को अपना पार्टी प्रत्याशी बनाकर बीकानेर पूर्व सीट से मैदान में उतारा था,इसे लेकर कांग्रेस नेताओं के बयान सामने आये थे कि कन्हैयालाल के साथ उनके विकास मंच का कांग्रेस में विलय हो गया है। लेकिन अब पालिका चुनावों में मामला उल्टा हो गया,झंवर ने कांग्रेस के सिंबल थामने से इंकार कर दिया और विकास मंच का बैनर आगे कर दिया। ऐसे में अब कांग्रेस का विकास मंच में विलय हो गया है । नोखा में कांग्रेस का विकास मंच में विलयीकरण समूचे प्रदेश में सियासी चर्चा का मुद्दा बन गया है।

– नामी दिग्गज उतरे है मैदान में
नोखा पालिका के चुनावी दंगल का माहौल इस बार खासा दिलचस्प है,ऐसे में बीकानेर से लेकर जयपुर तक सियासी दिग्गजों की नजर नोखा के इन चुनावों पर टिकी हुई है। वजह यह है कि चुनावी जंग जीतने के लिये जहां विकास मंच ने अपने दिग्गज प्रत्याशी मैदान में उतारे हैं,वहीं विकास मंच के कई बड़े रणनीतिकार खुद उम्मीदवार बनकर चुनावी मैदान में उतरे है। भाजपा की ओर से जिन दिग्गजों के नाम सामने आये है उनमें पूर्व पालिका अध्यक्ष श्रीनिवास झंवर, आसकरण भट्टड़, जगदीश भार्गव,जेठूसिंह राजपुरोहित शामिल है,वहीं विकास मंच की ओर से नारायण झंवर दपंति के अलावा पूर्व पालिका चैयरमेन डॉ.सीताराम पंचारिया,निर्मल भूरा,ललित झंवर,बृजरतन तापडिय़ा शामिल है। इनके अलावा कई वार्डो में निर्दलीय भी अपना प्रभाव दिखा रहे है,इनमें अंकित तोषनीवाल, राधेश्याम लखोटिया, कालूराम भार्गव, पुखराज सुथार, देवकिशन चांडक, जयकिशन जाट, देवकिशन जोशी, रामगोपाल बिश्नोई, अरुण जोशी, आशीष कुमार सरीखे युवा उम्मीदवार शामिल है।