बीकानेर। प्रदेश में जल्दी ही विद्यालय खुल रहे हैं, यद्यपि अभी विद्यार्थियों को 1 जुलाई से विद्यालयों में आना है लेकिन जो शिक्षक औरशिक्षिकाएं शहरों के आस पास लगभग सौ किलोमीटर के दायरे में बसों या वाहनों से अप-डाउन करते हैं वे सोशल डिस्टसिंग को कैसे मेंटैन कर पाएँगे ? और वो भी इस दौर में जबकि कोरोना का फैलाव चरम पर है । ये ना सिर्फ़ उनके स्वयं के लिए, उनके विद्यालय के लिए और उनके परिवारों के लिए भी ख़तरनाक हो सकता है ।पहला सुख निरोगी काया का सिद्धांत को ध्यान में रखते हुए हमें देश का भविष्य बच्चों के स्वास्थ्य के प्रति खिलवाड़ नही करना चाहिए, इस आधुनिक युग में हम शिक्षा का प्रसार ऑनलाइन भी कर सकते हैं ।

जो आसान भी हे.राजस्थान सरकार के उच्चशिक्षा मंत्री से आग्रह है की बीकानेर सहित समस्त प्रदेश के विद्यार्थियों के जीवन की सुरक्षा को मध्यनज़र रखते हुए परीक्षा आयोजन पर पुनर्विचार करें व छात्र-छात्राओं को बिना परीक्षा आयोजित किए अगली कक्षा में प्रमोट करें ।समय व परिस्थिति अनुकूल नहीं है।बच्चों के स्वास्थ्य सर्वोपरि है।क्या कॉलेजों व स्कूलो में सभी बचाव के नियमो की पालना हो पाएगी।मेरा मत है सरकार जल्दबाजी ना करें ।

ज्योति चौधरी पूर्व अध्यक्ष राजकीय डूंगर महाविद्यालय बीकानेर