जयपुर, । जनवादी लेखक संघ की जयपुर इकाई द्वारा ‘धरती’ पत्रिका के सद्यप्रकाशित अंक का लोकार्पण जलेस कार्यालय गांधीनगर में, शहर के जाने माने लेखकों द्वारा किया गया| चूंकि यह किसान आंदोलन केंद्रित अंक है अतः इस विषय पर गंभीरता से चर्चा हुई| प्रो राजीव गुप्ता ने अंक की सामग्री पर बात करते हुए कुछ सुझाव भी दिए| उन्हांने कहा कि शिथिल पड़ गए लघुपत्रिका आंदोलन के समय यह एक स्वागत योग्य पहल है, इस हेतु संपादक बधाई के पात्र हैं| कवि हरीश करमचंदानी ने कहा कि पत्रिका और उसका कंटेंट देखकर यह बखूबी समझा जा सकता है कि इस कार्य पर पर्याप्त श्रम किया गया है यह एक महत्वपूर्ण कार्य है| प्रो विशाल विक्रम सिंह ने कहा कि पत्रिकाएं दो तरह से निकलती हैं- एक विचारवान और चेतनासंपन्न पाठकों के लिए जिनके पाठक कम होते हैं, दूसरे सामान्य पाठकों के लिए| धरती संभवतः पहले प्रकार के पाठकों को ध्यान में रखकर निकलती है| कोशिश यह होनी चाहिए कि उसमें विचार रहे लेकिन रचनात्मक सामग्री अधिक हो| डॉ इरफान ने भाषाई अस्मिता पर एक लेख को महत्वपूर्ण मानते हुए इस प्रश्न पर विस्तार से चर्चा करने का प्रस्ताव रखा| शैलेन्द्र चौहान ने पत्रिका के मूल उद्देश्य और इतिहास का जिक्र किया| इस कार्यक्रम में कथाकार संदीप मील ने अपनी एक लघुकथा सुनाई, कार्यक्रम में सामाजिक कार्यकर्ता अनिल गोस्वामी, साहित्यकार रमेश खत्री, निर्मल शर्मा एवं अनेक लेखक-पाठक और युवा एवं छात्र उपस्थित रहे|