बीकानेर। संभाग के सबसे बड़े अस्पताल पीबीएम व्यवस्थाएं सुधार हेतु पूर्व यूआईटी चेयरमैन व पूर्व महापौर हाजी मकसूद अहमद बुधवार को जिला कलेक्टर कुमारपाल गौतम से मिले और एक ज्ञापन सौंपा। मकसूद अहमद ने बताया कि पीबीएम अस्पताल में कोरोना संक्रमण की वजह से कई भर्ती रोगियों में संक्रमण फेल रहा है जिसकी वजह से उनकी रिपोर्ट कोरोना पॉजीटिव आई व तीन लोगों की जान जा चुकी है। उन्होंने बताया कि खुर्शीदा पुत्नी खुर्शीद अहमद जो कि पांच माह से बीमार थी। इलाज हेतु वह कई बार पीबीएम अस्पताल गई। 18 मई को सीनजल वार्ड में भर्ती किया गया, उसके बाद 30 मई को आई वार्ड में रखा गया, 1 जून को छुट्टी देकर घर भेज दिया गया, 8 जून को महिला को वापस पीबीएम अस्पताल लाया गया, जहां उसे फिर आई वार्ड में भर्ती किया गया और वहां एक घंटे बाद आईसीयू में शिफ्ट कर दिया। बुधवार को कोरोना पॉजीटिव आने कारण दोपहर में कोरोना वार्ड में भेजा गया, जहां उसकी देर रात को मृत्यु हो गई।

मकसूद अहमन ने कलेक्टर को बताया कि अगर 28 मई को ही कोरोना जांच करवाई जाती तो इसका इलाज शुरू हो जाता और आगे संक्रमण ही नहीं फैसलता। उन्होंने बताया कि एक तरफ जहां सरकार कोरोना संक्रमण को लेकर चिंतित है और इसे रोकने के लिए सारे प्रयास किए जा रहे है वहीं दूसरी तरफ संभाग का सबसे बड़ा अस्पताल पीबीएम प्रशासन आए दिन लापरवाही बरत रहा है जिसके कारण अब लोगों में भय व्याप्त हो गया है।
मकसूद अहमद ने कलेक्टर से मांग की कि पीबीएम की व्यवस्थाएं सुधारी जाए, पूरे अस्पताल को सेनेटाइज करवाया जाए, मृतम महिला के पूरे वार्ड में सेनेटाइज करवाया जाए व कैंप लगाकर मृतक महिला के रिश्तेदारों व मोहल्ले वासियों की कोरोना जांच करवाई जाए।