पूछताछ में पुलिस को भी गुमराह कर रहा है मूंदडा
जयपुर,(ओम दैया)। अजमेर का दवा कारोबारी श्याम मूंदड़ा भले ही अपनी जिम्मेदारी मेड़ता निवासी कमलजीत मौर्य पर डाले, लेकिन अजमेर पुलिस के पास इस बात के पुख्ता सबूत हैं कि अजमेर में तीन स्थानों से जब्त 11 करोड़ रुपए की नशीली दवाओं का मालिक श्याम मूंदड़ा ही है। इस प्रकरण के अनुसंधान अधिकारी और दक्षिण क्षेत्र के डीएसपी मुकेश सोनी ने बताया कि मूंदड़ा से पहले जिन चार पांच व्यक्तियों को गिरफ्तार किया था, उन सभी ने माना है कि मूंदड़ा ही नशीली दवाएं मंगवाता था और फिर इधर उधर भिजवाया था। अजमेर में भी मूंदड़ा के निर्देश पर ही ट्रांसपोर्ट नगर, धोलाभाटा, रामगंज क्षेत्र में नशीली दवाएं रख वाई गई थीं। हालांकि पूछताछ के दौरान मूंदड़ा पुलिस को गुमराह कर रहा है और अपनी जिम्मेदारी नागौर मेड़ता निवासी कमलजीत मौर्य पर डाल रहा है।
लेकिन पुलिस ने जो सबूत जुटाए हैं उससे जाहिर है कि जब्त दवाएं मूंदड़ा की है और मूंदड़ा ही नशीली दवाओं के कारोबार का प्रमुख व्यक्ति है। सोनी ने कहा कि 11 करोड़ रुपए की दवाएं खरीदना कोई छोटा काम नहीं है। इतनी बड़ी खरीद बड़ा और सक्षम कारोबारी ही कर सकता है। चूंकि मूंदड़ा का परिवार दवाओं का काम बरसों से करता आ रहा है इसलिए उसे सब पता है कि नशीली दवाएं कौन सी कंपनी बनाती है तथा इसके खरीददार कौन कौन हैं? स्वयं को बचाने के लिए मूंदड़ा ने एक अन्य व्यक्ति के नाम से दवा व्यवसाय का लाइसेंस भी ले रखा है। 11 करोड़ रुपए की जब्त दवाओं पर अभी तक भी अन्य किसी व्यक्ति ने क्लेम नहीं किया है। अजमेर में 11 करोड़ रुपए की कीमत नशीली दवाएं मिलना अपने आप में बड़ी बात है। सोनी ने बताया कि जिला पुलिस अधीक्षक जगदीश चन्द्र शर्मा के निर्देशन में जांच का काम चल रहा है। इसमें अजमेर शहर के तीन थाना अधिकारियों और जिला पुलिस की स्पेशल शाखा भी सहयोग कर रही है। पुलिस इस बात की भी जांच कर रही है कि आखिर उत्तराखंड दवा निर्माता कंपनी हिमालय मेडिटेक सबसे ज्यादा नशीली दवाएं जयपुर की रम्या फार्मा को ही क्यों सप्लाई करती है? अब तक की जांच में यह भी सामने आया है कि जब्त दवाएं कंपनी ने रम्या फार्मा को ही भेजी थी। जयपुर में भी गत 23 मई को साढ़े पांच करोड़ रुपए की नशीली दवाएं जब्त की गई थी। इसके बाद से ही रम्या फार्मा के मालिक शशि भारती फरार चल रहे हैं। मूंदड़ा 11 जून से पांच दिनों की पुलिस रिमांड पर है।