

जयपुर।फैडरेशन ऑफ राजस्थान ट्रेड एंड इंडस्ट्री ( फोर्टी ) की ओर से अफ्रीकी देशों में व्यापार की नई संभावनाएं तलाशी जा रही हैं। इसी क्रम में फोर्टी ने अपना तीन सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ईस्ट अफ्रीका भेजा था। इसमें संदीप गर्ग, मिलन गर्ग और पृथ्वीराज मील शामिल थे। फोर्टी के तीनों सदस्यों ने अपनी रिपोर्ट संरक्षक सुरजाराम मील और अध्यक्ष सुरेश अग्रवाल को सौंपी । अफ्रीका में फोर्टी के प्रतिनिधिमंडल को राजस्थान एसोसिएशन ऑफ अफ्रीका के चेयरमैन सोनवीर सिंह ने सहयोग किया। रिपोर्ट में बताया गया है कि ईस्ट अफ्रीका के 7 देशों में व्यापार की अपार संभावनाएं हैं। इनमें केन्या, साउथ सूडान, तंजानिया, रवांडा, कांगो, युगांडा, बुरुंडी शामिल हैं। इन देशों में अपनी आवश्यकता का केवल 15 प्रतिशत ही उत्पादन होता है, बाकी 85 प्रतिशत दूसरे देशों से आयात किया जाता है। इन देशों में खासतौर से विनिर्माण, चिकित्सा, चिकित्सा शिक्षा, शिक्षा, आईटी, ऑटोमोबाइल, एग्रीकल्चर ट्रेड, मशीनरी और टूल्स, गारमेंट्स, इलैक्ट्रीकल्स, इलैक्ट्रॉनिक्स, सोलर और कॉस्मेटिक के क्षेत्र में व्यापार के विशेष अवसर हैं। फोर्टी संरक्षक सुरजाराम मील का कहना है कि ईस्ट अफ्रीका के इन देशों के बाजार पर चीन की नजरें हैं, ज्यादा इम्पोर्ट भी चीन से होता है, लेकिन अफ्रीकन देशों में भारत की तुलना में चीन की विश्वसनीयता नहीं है। इसका फायदा हमारे देश और प्रदेश को मिल सकता है। खासतौर से राजस्थान के माइनिंग, विनिर्माण और एग्रीकल्चर ट्रेड के लिए ईस्ट अफ्रीका के देशों में व्यापार की बेशुमार संभावनाएं हैं। फोर्टी अध्यध्क्ष सुरेश अग्रवाल का कहना है ईस्ट अफ्रीका के देश विकास को गति देना चाहते हैं, लेकिन उनके संसाधन सीमित हैं। इसलिए राजस्थान से द्विपक्षीय व्यापार की जबरदस्त संभावनाएं हैं। हमारे उद्योगों के लिए ईस्ट अफ्रीकन देशों से सस्ता कच्चा माल मिल सकता है और राजस्थान में निर्मित उत्पादों के लिए उपभोक्ता बाजार भी वहां तैयार हो चुका है। इसलिए फोर्टी ईस्ट अफ्रीका के देशों में व्यापारिक संभावनाएं तलाशने में जुटा हुआ है।
