

फिल्म के लेखक, निर्माता-निर्देशक प्रदीप मारू ने यहां बुधवार को संवाददाता सम्मेलन में बताया कि यह फिल्म बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ संदेश को सार्थक करती है। बल्कि इससे भी एक कदम आगे.. बेटी ने नेतृत्व दो…को मजबूति देती है। फिल्म एक गांव के दो ठाकुरों केबीच लड़ाई की कहानी है। इनमें से एक गांव वालों का हर कदम पर साथ देता है तो दूसरा ग्रामीणों को केवल लूटने का ही काम करता है। अंत में सत्य और ईमानदार लोगों की ही जीत होती है। फिल्म में संगीत सरदार बीकानेरी ने दिया है। एक्शन सीन फिल्माने का जिम्मा हेमजंग लिम्बु व नृत्य निर्देशन डीके का रहा है। फिल्म में गीत सरदार बीकानेरी, नरेश मारू व हरीश बी. शर्मा ने लिखे हैं। फिल्म की अधिकांश शूटिंग बीकानेर और आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में हुई है। फिल्म में बड़ी संख्या में बीकानेर के कलाकारों ने भी काम किया है।


इसमें युधिष्टर सिंह भाटी, प्रतिष्ठा ठाकुर, वीर सिंह, डॉ सुधीर शर्मा, गोपाल योगेश, तेजाराम राव, महेन्द्र शर्मा, विजय बनारसी, नरेश मारू , संदीप भोजक, साजिद खान, मानन्य सिंह, काव्या सिंह, सुमन शर्मा पेंटर सुरेन्द्र, धरमपाल व खुद प्रदीप मारू ने मुख्य भूमिकाएं निभाई है। प्रदीप मारू ने राजस्थानी भाषा को मान्यता देने की पैरवी करते हुए कहा कि देश के अन्य राज्यों में वहां की स्थानीय भाषा में फिल्में बनती है और वे अन्य फिल्मों के बराबर व्यवसाय करती है। इसका मुख्य कारण है वहां के स्थानीय लोग अपनी भाषा में बनी फिल्मों को खूब सपोर्ट करते हैं। राजस्थान में भी मारवाड़ी फिल्मों का भविष्य उज्ज्वल है, सिर्फ स्थानीय लोगों के सहयोग की जरूरत है। इस अवसर पर युधिष्टर सिंह भाटी, डॉ सुधीर शर्मा, गजेन्द्र सिंह सांखला, तेजाराम राव, मंजू, महेन्द्र शर्मा व नरेश मारू समेत कई कलाकार मौजूद थे।
