-256 महामण्डलीय सिद्धचक्र विधान पूजन में श्रद्धालुओं ने चढाऐ 64 अर्घ्य, गूंजे श्रीजी के जयकारे

जयपुर। छोटी काशी और धर्म नगरी के नाम से विख्यात जयपुर की हृदय स्थली भट्टारकजी की नसिया में चल रहे 256 महामंडलीय श्री सिद्धचक्र महामण्डल विधान के अंतर्गत गुरुवार को छठे दिन आचार्य सौरभ सागर महाराज के सानिध्य में सिद्धों की आराधना करते हुए मंडल पर जयकारों के बीच पंडित संदीप जैन सजल के निर्देशन में भजन – भक्ति के साथ मंत्रोच्चारण कर 64 अर्घ्य समर्पित किए गए। छठे दिन की शुरुवात प्रातः कालीन श्रीजी के कलशाभिषेक, शांतिधारा, नित्य-नियम पूजन के साथ प्रारंभ हुई, जिसके पश्चात विधान पूजन प्रारंभ हुआ। इस दौरान प्रातः 8.30 बजे धर्मसभा हुई। जिसे सम्बोधित करते हुए आचार्य सौरभ सागर ने कहा कि ” व्यक्ति आज धर्महीन हो गया है व्यक्ति के पास आज धन कमाने का पर्याप्त समय है पर धर्म कमाने के लिए समय नहीं है। आज मानव भौतिकता की चकाचौंध में दौड़ा चला जा रहा है जिससे वह धर्म कर्म को भूल बैठा है और ऐसे में अपने आचरण के विपरीत कार्य करने लगा है। ”

गौरवाध्यक्ष राजीव जैन गाजियाबाद ने बताया कि पूज्यश्री के द्वारा प्रतिदिन सिद्धचक्र महामंडल विधान पर आधारित श्रीपाल मीना सुंदरी के चरित्र का वर्णन भी किया जाता है और सिद्धचक्र महामंडल विधान के महत्व का भी वर्णन किया जा रहा है। पूजा के दौरान सभी इन्द्र – इन्द्राणियों ने धूमधाम के साथ जिनेंद्र भगवान की आराधना की। इससे पूर्व मंशापूर्ण भगवान महावीर के चित्र के समक्ष समाजश्रेष्ठियो और गणमान्य जनों द्वारा दीप प्रज्वलन किया गया।

अध्यक्ष आलोक जैन तिजारिया ने बताया कि गुरुवार को विधान पूजन के दौरान विभिन्न समाजसेवीयों और राजनीतिक हस्तियों ने भाग लिया और आशीर्वचन सुनकर आचार्य सौरभ सागर महाराज को श्रीफल अर्पित कर मंगल आशीर्वाद प्राप्त किया। इस अवसर पर आयोजन समिति के पदाधिकारियों द्वारा सभी अतिथियों का आदर सत्कार किया गया। प्रतिदिन विधान पूजन में सभी 26 प्रमुख इंद्र-इंद्राणी परिवारजनों सहित 230 स्वतंत्र मंडलों पर पूजन कर रहे हजारों श्रद्धालुगण सिद्धचक्र महामंडल विधान पूजन में भाग लेकर धर्म का बखान कर रहे है।

कार्याध्यक्ष कमलेश जैन बावड़ी वालों ने जानकारी देते हुए बताया कि सायंकालीन सत्र में शाम 6 बजे श्रद्धालुओं द्वारा श्रीजी एवं आचार्य सौरभ सागर महाराज की आरती की गई। इसके पश्चात आचार्यश्री के सानिध्य में आनंद यात्रा और शंका समाधान का आयोजन किया गया। शुक्रवार को सुबह 6.30 बजे नित्याभिषेक और शांतिधारा, प्रातः 7.30 बजे से विधान पूजन प्रारंभ एवं प्रातः 8.30 बजे आचार्य सौरभ सागर महाराज के मंगल प्रवचन होगे।

-आचार्य सौरभ सागर महाराज का 53 वां अवतरण दिवस समारोह रविवार को

प्रचार संयोजक अभिषेक जैन बिट्टू ने बताया कि भट्टारकजी की नसियां में चल रहे 10 दिवसीय महामहोत्सव के दौरान रविवार 22 अक्टूबर को आचार्य सौरभ सागर महाराज का 53 वाँ अवतरण दिवस मनाया जायेगा। जिसमें देशभर से हजारों श्रद्धालुगण जयपुर पहुंचेंगे और गुरुदेव का अवतरण दिवस मनाएंगे। इस आयोजन के लिए जीवन आशा हॉस्पिटल ट्रस्ट के 500 से भी अधिक ट्रस्टी 21 अक्टूबर को ही जयपुर पहुंच जायेंगे। इसके अतिरिक्त शनिवार सायं 6.30 बजे से इंडियास गोट टैलेंट एवं आमेरिका गोट टैलेंट फ्रेम द्वारा पहली बार ” दिव्यांगों द्वारा भव्य प्रस्तुति ” भी पेश की जायेगी। जो अपने आप में भव्य एवं अद्भुत आयोजन होगा, जिसे अभी तक जयपुर में नही देखा गया।