राजस्थान कला, साहित्य और संस्कृति मंत्री
जयपुर, 18 दिसम्बर। कला साहित्य और संस्कृति मंत्री डॉ. बी. डी. कल्ला ने अभिभावकों से अपील की है कि वे बच्चों की परवरिश में उनको अच्छी शिक्षा दिलाने के साथ ही संस्कारवान बनाने में स्वयं पूरी मेहनत करे। उन्होंने कहा कि प्रत्येक बालक-बालिका जन्म से ही आशु वैज्ञानिक, आशु कवि और आशु लेखक होता है, उनमें निहित इन जन्मजात गुणों को विकसित करते हुए सुयोग्य नागरिक बनाने की जिम्मेदारी अभिभावकों की है।
डॉ. कल्ला बुधवार को जयपुर में विद्याश्रम स्कूल के 35वें वार्षिक उत्सव को मुख्य अतिथि के रूप में सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि माता, पिता और गुरू को देवतुल्य मानना हमारी संस्कृति है, बच्चे अपने कॅरिअर में हमारे इन सांस्कृतिक मूल्यों के परिवेश में आगे बढ़े, यह माता-पिता का दायित्व है।
कला, साहित्य और संस्कृति मंत्री ने कहा कि आज के दौर में मोबाईल और इंटरनेट के प्रयोग से बच्चे राह से भटक रहे है। मोबाईल बहुत खतरनाक है, इसके कारण बच्चे संस्कारों से दूर होते जा रहे है। अभिभावकों का चाहिए कि बच्चों को मोबाईल से दूर रखे और उन्हें अच्छी पुस्तकों की संगत करने के लिए प्रेरित करे।
कार्यक्रम में डा.कल्ला सहित अतिथियों ने विभिन्न कैटेगरीज में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों को पारितोषिक प्रदान किए। प्राचार्या श्रीमती प्रतिमा शर्मा ने वार्षिक प्रतिवेदन प्रस्तुत कर स्टूडेंट्स और स्कूल की उपलब्धियों के बारें में बताया। इस अवसर पर जस्टिस श्री पानाचंद जैन, श्री कोमल कोठारी और श्री राजीव जैन सहित विद्यालय सलाहकार समिति के सदस्य, शिक्षाविद्, विद्यार्थी, शिक्षक और अभिभावकों सहित गणमान्य नागरिक मौजूद थे।