सुधांशु कुमार सतीश -ओम एक्सप्रेस
कोलकाता । बहुमुखी व्यक्तित्व की धनी दिवंगत शाश्वती राव पत्रकारिता के साथ ही अनुवाद-कार्य से भी संबद्ध रहीं। तीन दशक मनोरमा, माया, जनसत्ता, दैनिक हिंदुस्तान, माधुरी और संगीत सरीखी शीर्षस्थ पत्रिकाओं में उनके आलेख वगैरह निकलते रहे। पीटीआई फीचर सर्विस, मुंबई को भी फीचर्स देती रहीं। उनकी एकाधिक रूपांतरित कहानियां ज्ञानपीठ और नेशनल बुक ट्रस्ट से प्रकाशित की गयीं। डॉ सौमित्र मोहन की बांग्ला में अनूदित पुस्तक ‘लाइफ लिंगवा’ के संपादन में उनकी उल्लेखनीय भूमिका रहीं। इतना ही नहीं, लोकप्रिय हिंदी फिल्म ‘लव-कुश’ की पटकथा और देव कोहली के 24 गानों को बांग्ला में रूपांतरित करने का श्रेय शाश्वती राव को जाता है। एसडीएस पीआर एजेंसी की बतौर साझेदार विश्वप्रसिद्ध फिल्मकार तपन सिन्हा की हिंदी फिल्म ‘डाटर्स अॉफ द सेंचुरी’ और सुब्रत सेन की हिट फिल्म ‘नील निर्जने’ के प्रमोशन में उनका योगदान हमेशा याद किया जाएगा। बंगाल म्युजिक कालेज की स्नातक पेशेवर रवींद्र संगीत और लोकगीत गायिका रहीं । श्रीमती राव ने 80 के दशक में दिग्गज गायक-संगीतकार हेमंत कुमार के साथ स्टेज़ साझा किया था। गौरतलब है, आख़िरी सांस लेने से 15-20 दिनों पहले लंग कैंसर के स्टेज़ फोर की संगीन हालत में अपनी बड़ी पोती की ज़िद पर बिल्कुल अप्रत्याशित रूप से बतौर ‘सिक्रेटस्टार’ पॉपुलर सिंगर्स ऐप ‘स्टारमेकर’ में गाना गाकर तीन हज़ार प्वायंट और एए+ ग्रेड हासिल कर लिया था। उनका इलाज कर रहे कैंसर विशेषज्ञों की उन्हें गाने से न रोकने की हिदायत थी। उसी दौरान मशहूर पार्श्व गायिका नेहा कक्कड़ ने वीडियो कॉल कर उनके साथ गाने की ख़्वाहिश ज़ाहिर करने के बावज़ूद शाश्वती रज़ामंद नहीं हुईं।
हार्दिक श्रधांजली ।