भजनों के मुखड़ों पर झूमे नर नारी

बीकानेर,। नारायण सेवा संस्थान, उदयपुर व श्रीबाबा रामदेव सेवा संस्थान के संयुक्त तत्वावधान में गंगाशहर के तेरापंथ भवन में तीन दिवसीय बाबा रामदेवजी की अमृत कथा महोत्सव शनिवार को शुरू हुआं । लोकदेवता बाबा रामदेव के पिता अजमालजी द्वारा द्वारकाधीश की भक्ति व ठाकुरजी का उनके घर जन्म के कथा प्रसंग को विभिन्न भजनों, मानस की चौपाइयों, मीरां के पदों तथा लोक गीतों के मुखड़ों के सुप्रसिद्ध कथावाचक जय प्रकाशजी महाराज साथ प्रस्तुत किया गया।

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कथा 10 जून तक शाम चार बजे से साढ़े सात बजे तक चलेगी। कथा का प्रसारण सत्संग चैनल सहित विभिन्न चैनलों के माध्यम से किया जा रहा है। कथा का आगाज आयोजक रामदेव अग्रवाल व उनकी पत्नी श्रीमती सरला देवी ने बाबा रामदेवजी व व्यास पीठ की आरती व पूजा से की। उन्होंने बाबा रामदेवजी के जन्म के प्रसंग पर बधाईयां बांटी। रामदेवजी के जन्म के प्रसंग पर उपस्थित जन समूह ने भक्ति गीतों के साथ नृत्य कर कार्यक्रम को भक्ति रस से सराबोर कर दिया।

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जै बाबेरी के जयकारों के साथ कथावाचक जय प्रकाशजी महाराज ने कथा का वाचन विवेचन करते हुए कहा कि भक्ति व भाव से की गई साधना, आराधना व पूजा-अर्चना व देव की स्तुति वंदना हमेशा सफल रही है। भगवान को भक्त में प्रपंच, दिखावा व अहंकार की बजाए सादगी व हृदयता, शालीनता और सच्चा भाव व प्रेम पसंद है। सत्संग को अच्छे भाव से सुनने से चिंता नहीं चेतना आती है। जीवन में दुख, दारिद्र, रोग व शोक दूर होते है तथा प्रभु प्रेम का वास्तविक आनंद मिलता है।

कथा के दौरान सुप्रसिद्ध नृत्यांगना व शिक्षिका राजभारती शर्मा सहित बड़ी संख्या में भक्तों ने  द्वारका नाथ भजो राधे गोविंदा, म्हारी हूंडी स्वीकारों, सांवरा गिरधारी, दाता थारे द्वारे आयो झोली भरदो,खमा-खमा हो द्वारका रा धणिया, जगत में कोई नहीं परमानेंट आदि भक्ति गीतों के माध्यम से कहा कि बाबा रामदेवजी ने जाति, वर्ग व सम्प्रदाय, ऊंच-नीच, छूत अछूत का भेद मिटाकर समानता व सद्भावना का संदेश दिया।
नारायण सेवा संस्थान, उदयपुर के शेखर शर्मा ने संस्थान की गतिविधियों, परोपकारी कार्यों की जानकारी दी। संस्थान से आए सेवक सुनील कुमार, अशोक कुमार नायक, भैरूसिंह व बजरंग चौधरी ने विभिन्न सेवाओं में सहयोग प्रदान किया।

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