गौतम बुधवार को कलेक्ट्रेट सभागार में बाल अधिकारिता विभाग की बाल संरक्षण इकाई, अनुसूचित जाति-जनजाति अत्याचार निवारण समिति की बैठक में बोल रहे थे। गौतम ने कहा कि बाल श्रम करवाना अपराध की श्रेणी में आता है, ऐसे में बाल अधिकारिता विभाग समय-समय पर विभिन्न औद्योगिक इकाइयों का निरीक्षण करें साथ ही औद्योगिक क्षेत्र में इसका प्रचार-प्रसार भी करें कि अगर कोई व्यक्ति बाल श्रम करवाते हुए पाया गया तो बालक के परिजनों के साथ-साथ नियोक्ता के विरुद्ध भी सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
गौतम ने कहा कि किशोर न्याय बोर्ड में आवासित बच्चों को कौशल विकास का प्रशिक्षण दिया जाए ताकि वे हुनर सीख कर अपना भविष्य सुरक्षित बना सके। आरएसएलडीसी बोर्ड के साथ मिल कर व्यावसायिक कोर्स शुरू करवाएं और बच्चों की रूचि के अनुसार उन्हें प्रशिक्षण प्रदान करें। गौतम ने सीएमएचओ को निर्देश दिए कि बालिका गृह में आवासित बच्चियों की शिक्षा के लिए आईएमए की मदद ली जाए और शिक्षा और इससे जुड़ी अन्य सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। जिला कलक्टर ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को यह भी निर्देश दिए कि बालिका गृह में आवासित बच्चियों की नियमित स्वास्थ्य जांच के लिए महिला चिकित्सक बालिका गृह विजिट करें साथ ही नर्स भी भ्रमण कर बच्चियों को आवश्यक दवा, सुविधाएं उपलब्ध करवाएं। आवासित बच्चियों के पोषण पर भी विशेष ध्यान दिया जाए।
बैठक में पुलिस अधीक्षक प्रदीप मोहन शर्मा ने कहा कि बाल श्रम पर प्रभावी अंकुश लगाने के लिए 1 मार्च से पूरे माह बाल श्रम निरोध अभियान चलाया जाएगा। इस अभियान के दौरान सभी औद्योगिक इकाईयों , होटलों व अन्य इकाईयों की जांच की जाएगी और जहां भी बच्चे श्रम में नियोजित मिले उनके विरूद्ध कड़ी कार्यवाही की जाएगी।
पहल योजना में मुखबिर होंगे पुरस्कृत
बाल श्रम पर रोक लगाने में आमजन की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार द्वारा पहल योजना प्रारम्भ की गई है। जिसमें संकटग्रस्त व विषम परिस्थितियों में फंसे बच्चों की सूचना दने वाले तथा सूचना सही पाए जाने पर सम्बंधित को पुरस्कृत किया जाएगा।
गौतम ने बाल अधिकारिता विभाग एवं जिला बाल संरक्षण इकाई को निर्देश दिए कि शहर के प्रमुख स्थानों पर होर्डिंग लगाकर यह आम जन को बताएं कि बाल श्रम करना अपराध है और बाल श्रम में नियोजित बच्चों के सम्बंध अगर कोई मुखबिर सूचना देता है तो उसका नाम गोपनीय रखा जाएगा और सूचना सही होने तथा बाल श्रमिक मुक्त होने पर मुखबिर को राज्य सरकार द्वारा 25 हजार रुपए की राशि इनाम में दी जाती है।