– 66 किलोमीटर में 28 सौ रुपया वसूल रहे निजी एम्बुलेंस चालक, विभाग मौन।

बिहार(सुपौल)प(ओम एक्सप्रेस ब्यूरों)-
दुनियां भर के लोग वैश्विक महामारी कोरोना से जंग लड़ रही है। इस आपदा की घड़ी में सब लोग त्राहिमाम कर रहे हैं कि किसी तरह इस संक्रमण काल से निजात मिल सके इसके लिए तमाम तरह के जद्दोजहद में जुटे हैं ,लॉक डाऊन है लिहाजा लोग किसी तरह दिन काटने को विवश है वहीं कुछ लोग इस संकट की घड़ी में भी अपने आदत से बाज़ आते नहीं दिख रहे हैं।मौका पाकर लोगों का आर्थिक शोषण करते नहीं थकते हैं।ताजा मामला जिले त्रिवेणीगंज बाज़ार से जुड़ा है।जहां मंगलवार को दिन के करीब 12 बजे
घायल 52 वर्षीय महिला को उनके परिजन सुपौल एक निजी एम्बुलेंस से
अस्पताल इलाज के लिए ले गए।

जिसके बाद पीड़ित महिला को शाम में वापस त्रिवेणीगंज बाज़ार स्थित उसके घर पर छोड़ा गय।इस दौरान सुपौल से त्रिवेणीगंज के अप डाउन दूरी एम्बुलेंस ने कुल 66 किलोमीटर की दूरी तय की इसके लिए निजी एम्बुलेन्स चालक पीड़ित परिजन से 28 सौ रुपये मांग करने लगे जबकि पीड़ित के परिजनों ने एम्बुलेंस चालक को किराया के रूप में 15 सौ रुपये दे दिए इतने में एम्बुलेंस चालक नहीं माने औऱ कुल 28 सौ रुपये मांग करने लगे।इस दौरान आस पास मौजूद लोग भी हैरत में पड़ गए कि महज 66 किलोमीटर की दूरी एम्बुलेंस से तय करने का किराया 28 सौ रुपये किस आधार पर होता है। बता दें कि जिस पीड़ित महिला को एम्बुलेंस द्वारा सुपौल ले जाया गया था वह महिला निःसहाय औऱ अविवाहित है जिसकी उम्र करीब 52 वर्ष है औऱ त्रिवेणीगंज मेला ग्राउंड रोड में फुटफाथ पर मसाला बेचकर अपना गुज़र बसर करती थी।

जिसे सोमवार को एक मोटर साइकिल सवार ने जबरदस्त ठोकर मार दिया था जिसके बाद घायलावस्था में स्थानीय पुलिस द्वारा त्रिवेणीगंज अनुमंडलीय अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां से बेहतर ईलाज के लिए बाहर रेफर कर दिया गया था.महिला के भाइयों को रुपये का इंतजाम सोमवार को नहीं हो पाया जिसके बाद मंगलवार को पीड़ित महिला को ईलाज के लिए सुपौल ले गए.लेकिन एम्बुलेन्स वालों ने भी लॉकडाउन का फायदा उठाया और पीड़ित महिला के परिजनों से किराए के नाम पर अवैध राशि की वसूली करने लगे.खैर बात जो भी हो लेकिन एक बात तो साफ दिखा कि त्रिवेणीगंज में लॉकडाउन के समय निजी एम्बुलेंस चालक औऱ मालिक किसी के मजबूरी का नाजायज फायदा उठा रहा है। अब देखना यह होगा कि अधिकारियों की नज़र इस ओर जाती है कि नहीं.और आगे से निजी एम्बुलेंस चालको के मनमानी पर विराम लगता है या नहीं।