@ बीकानेर सब खैरियत है …..मुकेश पूनिया*

बड़े अफसरों की बढ़ी हुई है टेंशन

प्रदेश के प्रशासनिक हल्कों में मलाईदार पोस्टों पर तैनात अफसरों की टेंशन इन दिनों खासी बढ़ी हुई है। टेंशन के शिकार ज्यादात्तर अफसरों ने इस बार दिवाली पर गिफ्ट लेने से भी परहेज ही रखा। दरअसल,एसीबी वालों को भनक लग गई है कि सिस्टम के कई बड़े अफसर आय से ज्यादा कमाई के मामले में टॉप रेकिंग पर चल रहे है। जिन्हे एसीबी ने ना सिर्फ अपनी हिटलिस्ट में शामिल कर लिया बल्कि सीक्रेट अंदाज में उनकी कुण्डलियां भी खंगालनी शुरू कर दी। रडार में आये अफसरों की हालत तो यह हो गई है कि वह अपने आस पास कोई अनजान चेहरा देखते ही अलर्ट मोड़ में आ जाते है,मगर फिलहाल सब खैरियत है।

खरबुजा कटा,सब में बंटा!

बीकानेर के सिविल लाइन इलाके में आलीशान होटल के पास एक जमीन को लेकर हुई चौतीस करोड़ की डील का मामला इन दिनों जबरदस्त लाइम लाइट में है। हालांकि जमीन की डील पूरी तरह नीट क्लिन और एक नंबर में हुई है। लेकिन जमीन पर कायम कब्जा खाली कराने के लिये एक करोड़ का बंटवारा सुर्खियों में है। पता चला है कि एक करोड़ का खरबुजा जब कटा तो सब में बंटा,इसमें खाकी की हिस्सेदारी को लेकर सबसे ज्यादा चर्चा है। बंटवारे में किस को क्या मिला,इसे लेकर मामला खासा गरमाया हुआ है मगर फिलहाल सब खैरियत है।

जयपुर की टीम बीकानेर में मार गई चौका

मिलावटखोरों के खिलाफ चलाये गये अभियान में हमारी बीकानेर टीम को भनक भी नहीं लगी और जयपुर की टीम यहां चौंकानें वाले अंदाज में चौका मार गई। मामला बीछवाल इंडस्ट्रियल एरिया में चल रही मिलावटी मिर्च-मसालों की उस फैक्ट्री से जुड़ा है,जिसमें जयपुर से दबिश देने आई हेल्थ डिमार्टमेंट की टीम ने हजारों क्विटंल मिलावटी मिर्च मसाले बरामद कर बीकानेर के मिलावटखोर जगत में तहलका मचा दिया। पता चला है कि मिलावटी मिर्च-मसालों के रैकेट से जुड़ी यह फैक्ट्री सालों से चल रही थी,इसके बावजूद बीकानेर टीम को इसकी भनक नहीं लगी। ऐसे मे जयपुर टीम की टीम रेड मार कर सारा क्रेडिट ले गई और बीकानेर की टीम के खिलाड़ी हाथ मलते रह गये। इसलिये फिलहाल सब खैरियत है।

चर्चा में आया हाईप्रोफाइल रिसोर्ट!

बीकानेर की लिग्नाइट रोड़ का एक रिसोर्ट इन दिनों खासी सुर्खियों में है, पता चला है कि इस रिसोर्ट में सिर्फ रेव पार्टियां ही नहीं बल्कि नशाखोरी और जुएबाजी भी बड़े पैमाने पर चलती है। शहर के एक प्रभावशाली कारोबारी का रिसोर्ट होने के कारण पुलिस भी इसकी ओर झांक कर नहीं देखती। अभी हाल ही में नोखा रोड़ पर हुए एक हाईस्पीड एक्सिडेंट केस के तार भी इस रिसोर्ट से जुड़े है। मगर एक्सिडेंट में होनहार युवक-युवति की दुखदायी मौत हो गई इसलिये मामला ज्यादा उछला नहीं,लेकिन रिसोर्ट नाम खूब उछल रहा है। इसलिये फिलहाल सब खैरियत है।

अब लाइन पर आ गये साब

बीकानेर में पोस्टिंग के बाद कांग्रेसी मर्यादा की डोर में बंधे रहे हमारी जिला परिषद के बड़े साब अब लाइन पर आ गये है। दरअसल, पोस्टिंग के शुरूआती दौर में ये साब सत्ता वालों को ज्यादा घास नहीं डाल रहे थे,इसकी शिकायत जब टॉप लेवल पर हुई तो साब के रवैये में बदलाव आ गया। अब तो साब,परिषद में कांग्रेस वालों को अपने आस पास भी नहीं फटकनें दे रहे है। जिला प्रमुख से भी एतिहात के तौर पर दूरी बना ली है। भाजपा ब्रांड फाइलों को प्राथमिकता देने लगे है। इसलिये पिछले दिनों हुए आइएएस अफसरों के तबादलों की रडार में आने से भी बच गये। तभी तो कहा जाता है हवा का रूख भांपने में माहिर अफसर लंबी पारी खेलता है,साब भी अब जिला परिषद में खुलकर अपनी पारी खेल रहे है। इसलिये फिलहाल सब खैरियत है।

टाइगर की रडार में आ गया थाना
दिवाली सीजन में इस बार हसनेन चेरिटेबल ट्रस्ट के पास एक मकान के अंडरग्राउण्ड में चल रहे जुएबाजी के बड़े ठिकाने पर हुई पुलिस की सर्जिकल स्ट्राइक ने जुआ जगत में तहलका मचा दिया। दरअसल,दिवाली सीजन के शुरूआती दौर से चल रहे इस बड़े ठिकाने को लेकर हल्के की पुलिस को भनक तक नहीं लगी और शिकायत सीधे टाइगर तक पहुंच गई। चौंकाने वाली बात तो यह रही कि जुआरियों के खिलाफ टाइगर के हाईअलर्ट के बाद भी यह ठिकाना थाना पुलिस की रडार में नहीं आया। ऐसे में टाइगर के आदेश पर छापा पड़ा तो मौके पर दो दर्जन से ज्यादा जुआरी ढाई लाख की रकम के साथ पकड़ में आ गये। आशंका है कि ठिकाने का पेच थाने से जुड़ा हुआ था। इससे अब समूचा थाना टाइगर की रडार में है,मगर फिलहाल सब खैरियत है।