– खाद्य जगत से जुड़ी चौंकानें वाली खबर
बीकानेर। विश्व स्तरीय खाद्य जगत में अपनी उत्कृष्ठ पहचान रखने वाला बीकानेरी पापड़ भी अब मिलावटखोरी की भेंट चढ गया है। पापड़ में साजी की जगह हो रही मिठ्ठे सोडे और मिलावटी पापड़ खार के कारण लोगों की जुबान का जायका बदलने वाला पापड़ जनस्वास्थ्य के लिये पीड़ादायी साबित होने लगा है। इसके सेवन से अब पेट के अल्सर का खतरा भी कायम हो गया है। पापड़ उद्योग जगत से जुड़े सूत्रों के अनुसार बीकानेर में पापड़ कारोबार से जुड़े ज्यादात्तर कारोबारियों ने मोटी कमाई के लिये अब मिलावटखोरी का पैटर्न अपना लिया है,इससे विश्वस्तर पर बीकानेरी पापड़ की साख बिगडऩे लगी है। हालांकि प्रतिष्ठित कारोबारी पापड़ में मिठ्ठा सोडा या मिलावटी पापड़ खार के इस्तेमाल से इंकार कर रहे है लेकिन पापड़ जगत से जुड़े सूत्रों ने पुख्ता तौर पर बताया है कि अगर उच्च स्तरीय लैबोरेटरी में जांच कराई जाये तो बीकानेरी पापड़ में मिलावटखोरी का चौंकानें वाला खुलासा हो सकता है,इसके अलावा बीकानेर में पिछले सालभर के अंतराल में पापड़ कारोबार जगत में मिठ्ठे सोडे की बढती डिमांड भी इसका पुख्ता प्रमाण है कि पापड़ में इसकी मिलावटखोरी हो रही है।

जानकारी रहे कि सरकार ने पापड़ के काम आने वाली साजी पर 200 प्रतिशत इंपोर्ट ड्यूटी और 18 प्रतिशत जीएसटी लगा दी। इतना ही नहीं पाकिस्तान ने भी भारत के साथ तनाव के चलते साजी का निर्यात बंद कर दिया,ऐसे कई कारण सामने आये है जिसके कारण पापड़ कारोबारियों के लिये साजी का इस्तेमाल मंहगा सौदा साबित होना लगा। ऐसे में ज्यादात्तर पापड़ कारोबारियों ने साजी के विकल्प में पापड़ खार का इस्तेमाल शुरू किया,लेकिन पापड़ खार से मिठ्ठा सोढा ज्यादा सस्ता होने के कारण पापड़ में मिठ्ठे सोडे का इस्तेमाल शुरू कर दिया। मिठ्ठे सोडे की मिलावट से ना सिर्फ पापड़ का स्वाद बिगड़ गया बल्कि स्वास्थ्य के लिये घातक साबित होने लगा है। यही वजह है कि पिछले काफी अर्से से बीकानेरी पापड़ अपनी प्रतिष्ठा खोता जा रहा है और आम आदमी से दूर होता जा रहा है। पापड़ उद्योग जगत से जुड़े प्रतिष्ठित कारोबारियों ने इस उद्योग प्रतिष्ठा को बचाने के लिए मिलावटखोरी पर अंकुश लगाने की मांग की है।