

बीकानेर।नई लाईन ओसवाल पंचायती भवन, गंगाशहर में
संभागीय आयुक्त डॉ नीरज के. पवन IAS ने मातुश्री का आशीर्वाद प्राप्त करके आपके स्वस्थ व दीर्घायु जीवन की मंगल कामनाएं करते हुए कहा कि
आज भौतिकवाद की चकाचौंध में वर्द्धाश्रम के बढ़ते दौर में मां की सेवा और सम्मान का यह अनुठा उदाहरण है।
जैन लुणकरण छाजेड़ ने कहा कि शताब्दी वर्ष में स्वस्थ स्वास्थय के साथ प्रवेश करने का मतलब है कि इनका जीवन सकारात्मक चिंतन का प्रतिबिंब है, सात्त्विक आहार का प्रतीक है,धार्मिक विचारधाराओं में गतिशीलता का आधार है।
मुख्य वक्ता कन्हैयालाल बोथरा ने कहा कि पीढ़ी दर पीढ़ी में ऐसा ऐतिहासिक अवसर बहुत ही कम पुण्यवान आत्मा को और सौभाग्यशाली परिवार को मिलता है। माताजी इस उम्र में भी 7-8 सामायिक करके समता की साधना में गतिशील है सतत् जागरुक श्राविका का गंगाशहर के इतिहास में यह अद्धभूत *शताब्दी जन्मोत्सव* पहली बार देखने को मिला है जो कि भावी पीढ़ी के लिए मां बाप के सत्कार में यह प्रेरणास्त्रोत अनुकरणीय आयोजन है।
दिल्ली से आए आईएएस लालचंद सिंघी व आईईएस माणकचन्द सिंघी,सीए सुनील भन्साली,सीए जितेन्द्र छाजेड़ आदि गणमान्यजनों ने आध्यात्मिक वर्धापना की श्रीवृद्धि में अपने विचार व्यक्त किए।
मुनिश्री श्रेयांस कुमार जी ने गीत प्रस्तुत किया।
भन्साली व सिंघी परिवार द्वारा आध्यात्मिक संपोषण में आयोजित
मुनिश्री चैतन्य कुमार जी ने आध्यात्मिक संपोषण पर उद्धबोद्धन देते हुए कहा कि जगत में मां से बढ़कर कुछ नहीं है, और मां के ऋण से उऋण होना बहुत कठिन है। वो बच्चें धन्य होते है जो मां बाप को अध्यात्म की यात्रा में सहभागी बनते है। त्याग तपस्या व सम्यक ज्ञान दर्शन चारित्र का वातावरण प्रस्फुटित करते है वो बच्चें कुछ अंश में ऋण को चुकाने में सफल होते है। सरस्वती की प्रज्ञा, दुर्गा की शक्ति, लक्ष्मी की समृद्धि को प्राप्त करना है तो आप अपने मां बाप के चित में शांति और मन में समाधी प्रदान करने का प्रयास करें।
जैन श्वेताम्बर तेरापंथ सभा, महिला मण्डल, युवक परिषद्, अणुव्रत समिति, जैन संस्कारक, जैन स्थानक, जैन जैनिजम महिला एवं महावीर इंटरनेशनल आदि अनेक धार्मिक व सामाजिक संगठनों ने शतायु वर्ष के प्रवेश पर अभिनन्दन किया।
जन्मोत्सव जैन संस्कार विधि द्वारा श्री संस्कारक धर्मेन्द्र डाकलिया के नेतृत्व में मनाया गया।
सफल संचालन मोहनलाल भन्साली ने किया।