बीकानेर। अखिल विश्व गायत्री परिवार शांतिकुंज हरिद्वार के तत्वावधान में भारतीय संस्कृति ज्ञान परीक्षा का आयोजन शुक्रवार दोपहर बारह से एक बजे तक किया गया।
भारतीय संस्कृति ज्ञान परीक्षा बीकानेर जिला सचिव देवेन्द्र सारस्वत ने बताया कि शिक्षा विभाग राजस्थान सरकार के सहयोग से संचालित इस परीक्षा में बीकानेर जिले के 128 सरकारी एवं गैर सरकारी विद्यालयों के कक्षा 5 से 12 तक आठ वर्गों के 8751 छात्र छात्राओं का पंजीयन किया गया था जिसमें से 8653 विद्यार्थियों ने परीक्षा दी। तहसील स्तर पर श्रीडुंगरगढ़, नोखा, श्रीकोलायत, दंतौर-पुगल, लूनकरनसर तहसील तथा बीकानेर शहर सहित कुल 128 सरकारी एवं गैरसरकारी विद्यालयों में परीक्षा केन्द्र बनाये गये।
परीक्षा के जिला कार्यालय सचिव प्रवीण तंवर ने बताया कि गत 26 वर्षों से केन्द्र तथा राज्य सरकार के सहयोग से संचालित यह परीक्षा देश के इक्कीस राज्यों की नौ भाषाओं में आयोजित की जाती है। जिसमें एक लाख से अधिक विद्यालयों सहित पांच हजार से अधिक महाविद्यालयों के नब्बे लाख से अधिक छात्र छात्रायें परीक्षा में भाग लेते हैं। जिसमें सर्वाधिक 12 लाख से अधिक छात्र छात्रायें राजस्थान प्रदेश से परीक्षा देकर देशभर में प्रथम स्थान पर कायम है।
गायत्री शक्तिपीठ बीकानेर मुख्य प्रबंध ट्रस्टी पवन कुमार ओझा ने बताया कि संस्कृति ज्ञान परीक्षा में प्रदेश, जिला एवं तहसील स्तर की प्रावीण्य सूची में प्रथम, द्वितीय तथा तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले सभी नौ वर्गों के 168 छात्र छात्राओं को प्रमाण पत्र, साहित्य, शील्ड तथा नगद राशि के पुरस्कार प्रदान किये जायेंगे। प्रत्येक जिले से चयनित संस्था प्रधानों तथा उत्कृष्ट शिक्षकगणों को जिला एवं प्रदेश स्तर पर शिक्षक गरिमा सम्मान प्रदान किये जायेंगें।
परीक्षा समिति के सदस्य शिक्षाविद् मधुबाला शर्मा, जिला समन्वयक करनीदान चौधरी, राजेन्द्र दुबे, तुलसीनाथ तंवर, जवाहरलाल गंगल, रमेश चौधरी, डिवाइन इंडिया यूथ एशोसियेशन दिया जिलाध्यक्ष धनंजय सारस्वत, शिवनरेश सिंह चौहान, दिनेश कुमार जस्सू नोखा, जितेन्द्र टाक श्रीडुंगरगढ, सुभाष सारस्वत दंतौर, रामलाल बामनियां श्रीकोलायत तथा भत्तमाल सारस्वत लूनकरनसर ने परीक्षा संचालन में सहयोग प्रदान किया।