नई दिल्ली : कनाडा में मशहूर सिख नेता रिपुदमन सिंह मलिक की सरेआम गोली मारकर हत्या कर दी गई है. रिपुदमन सिंह मलिक का विवादों से पुराना नाता रहा है. उन पर एयर इंडिया के प्लेन को बम धमाके से उड़ाने के मामले में 20 सालों तक मुकदमा भी चला था. जिसमें उन्हें साल 2005 में बरी कर दिया गया था.
सिख नेता रिपुदमन सिंह मलिक कनाडा में रह रहे भारतीय मूल के सिखों और पंजाबियों को अलगावादी नेताओं से दूर रहने की नसीहत देने में जुटे हुए थे. हालांकि इससे पहले रिपुदमन सिंह खालिस्तान के हिमायती हुआ करते थे, वहीं वक्त के साथ उनकी विचारधारा खालिस्तान से अलग हो गई और अब यहीं उनकी मौत की वजह बनती दिख रही है.
बताया जा रहा है कि शुक्रवार सुबह साढ़े 9 बजे अज्ञात हमलावरों ने ब्रिटिश कोलंबिया के सर्रे शहर में रिपुदमन सिंह मलिक पर सरेआम गोली चलाई थी. जिस दौरान पुलिस अधिकारियों ने उन्हें बचाने की कोशिश की, वहीं पास से मारी गई गोली के कारण रिपुदमन सिंह मलिक गंभीर रूप से घायल हो गए और उनकी मौत हो गई.
1985 में एयर इंडिया बम धमाकों में उनका नाम आया था. जिसके बाद भारतीय सरकार ने उन्हें ब्लैक लिस्ट में डाल दिया था, वहीं सबूतों के अभाव में वह साल 2005 में बरी हो गए थे. इस विमान हादसे में चालक दल समेत प्लेन में सवार सभी 331 यात्रियों की मौत हो गई थी. इस प्लेन ने कनाडा से दिल्ली के लिए उड़ान भरी थी.

विदित हो कि उन्हें 2020 में सिंगल एंट्री वीजा और 2022 में मल्टीपल एंट्री वीजा दिया गया. इस दौरान उन्होंने भारत में आंध्र प्रदेश, दिल्ली, पंजाब और महाराष्ट्र में कई तीर्थ यात्रा की थी. इस साल की शुरुआत में उन्होंने पीएम मोदी को एक खत लिख कर उनकी तारीफ भी की थी. उन्होंने भेजी गई अपनी चिट्ठी में लिखा था कि “आपकी सरकार ने सिख समुदाय के लिए ऐसे कई कदम उठाए हैं, जिनकी कोई मिसाल ही नहीं है. आपके ऐसे अभूतपूर्व और सकारात्मक कदमों के लिए मैं तहेदिल से आपका शुक्रगुजार हूं. आभार व्यक्त करने के लिए मेरे पास अल्फ़ाज़ ही नहीं हैं.”

क्या था 1985 बम धमाके का मामला

1985 में एअर इंडिया बम धमाके की घटना में करीब 331 लोगों की मौत हुई थी. इस मामले में कनाडा में रहने वाले सिख नेता रिपुदमन सिंह मलिक भी आरोपी था लेकिन सबूतों के अभाव में बाद उन्हें बरी कर दिया गया. पंजाबी मूल के इस कनाडाई सिख रिपुदमन सिंह पर खालिस्तानी होने के आरोप लगे थे.

रिपुदमन मलिक कथित तौर पर पंजाब में कई आतंकवादी घटनाओं के लिए जिम्मेदार आतंकवादी संगठन बब्बर खालसा से जुड़ा था और एयर इंडिया बमबारी के कथित मास्टरमाइंड तलविंदर सिंह परमार का करीबी सहयोगी भी था. बब्बर खालसा, एक अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी संगठन है और अमेरिका, कनाडा और भारत सहित कई देशों द्वारा प्रतिबंधित है.