मेरठ में शुक्रवार सुबह 10.32 बजे भूकंप आ गया। सात हाईराइज बिल्डिंगें धराशायी हो गईं। अलर्ट मिलते ही राहत-बचाव दल की टीमें घटनास्थल के लिए दौड़ पड़ी। रेस्क्यू करते हुए 60 लोगों को सुरक्षित बचा लिया। उन्हें विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया। इस हादसे में कोई जनहानि नहीं हुई।

भूकंप के मॉकड्रिल में शुक्रवार को ऐसा ही नजारा देखने को मिला। राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के निर्देश पर मेरठ की सात हाईराइज बिल्डिंगों पर मॉकड्रिल की गई। सुबह 10 बजे सेना, पुलिस-प्रशासन, एसडीआरएफ, सिविल डिफेंस, आरएएफ, एनसीसी कैडेट्स, स्वास्थ्य सहित संबंधित महकमों के जिला स्तरीय अधिकारी कलक्ट्रेट के बचत भवन स्थित वॉर रूम में मौजूद थे। उनकी टीमें पुलिस लाइन में बनाए गए स्टेजिंग एरिया में तैनाती लिए खड़ी थीं। ठीक 10 बजकर 32 मिनट पर दिल्ली गृह मंत्रालय से मेरठ में भूकंप आने का अलर्ट वॉर रूम को मिला।

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डीएम अनिल ढींगरा का निर्देश मिलते ही वॉर रूम और पुलिस लाइन से सभी टीमें सात हाईराइज बिल्डिंगों की तरफ दौड़ पड़ीं, जहां लोगों के हताहत होने की सूचना मिली थी। सुशीला जसवंत राय हॉस्पिटल पर अग्निशमन, राठी अपार्टमेंट साकेत पर सेना, पीवीएस मॉल में एसडीआरएफ, एमडीए बिल्डिंग में होमगार्ड्स, एनएएस इंटर कॉलेज पर सिविल डिफेंस, आईओसीएल पु_ा और दौराला ऑर्गेनिक फैक्ट्री पर अग्निशमन की टीम ने तत्काल रिस्पांड किया। दमकल वाहन, एंबुलेंस भी पहुंच गई। सबसे पहले बिल्डिंगों पर पहुंचकर भूकंप आने का मैसेज फ्लैश किया गया।

इसके बाद टीमों ने अपने-अपने स्तर पर बचाव-राहत कार्य शुरू कर दिया। बिल्डिंगों में फंसे लोगों को स्ट्रेचर पर बाहर लाया गया। उन्हें एंबुलेंस से विभिन्न अस्पतालों में भिजवाया।